32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

राहुल गांधी ने ट्वीट कीं बिहार और असम बाढ़ की पुरानी तस्वीरें: फ़ैक्ट चेक

<figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/BE8B/production/_107897784_ramulodhi-1.png" height="549" width="976" /> <footer>SM Viral Post</footer> </figure><p>कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह बिहार और असम राज्य के कई ज़िलों में आई बाढ़ को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से एक अपील की और साथ ही बाढ़ की कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं.</p><p>उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, &quot;असम, बिहार, उतर […]

<figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/BE8B/production/_107897784_ramulodhi-1.png" height="549" width="976" /> <footer>SM Viral Post</footer> </figure><p>कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह बिहार और असम राज्य के कई ज़िलों में आई बाढ़ को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं से एक अपील की और साथ ही बाढ़ की कुछ तस्वीरें ट्वीट कीं.</p><p>उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, &quot;असम, बिहार, उतर प्रदेश, त्रिपुरा और मिजोरम में बाढ़ से हालात बेकाबू हो गए हैं. जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. मैं इन सभी राज्यों के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील करता हूँ कि वे आम लोगों के राहत और बचाव कार्य में तत्काल जुटें.&quot;</p><p>हमने पाया कि जो तस्वीरें राहुल गांधी ने ट्विटर पर शेयर कीं, वो कुछ वर्ष पुरानी हैं. इनमें से एक फ़ोटो 2015 और दूसरी 2016 की है.</p><figure> <img alt="राहुल गांधी" src="https://c.files.bbci.co.uk/4703/production/_107897181_14ab88b2-50ab-4093-86ae-b03760185574.jpg" height="1409" width="976" /> <footer>Twitter/Rahul Gandhi</footer> <figcaption>ग़लती का पता लगने पर राहुल गांधी ने यह ट्वीट डिलीट कर दिया</figcaption> </figure><p>बिहार और असम के कई ज़िलों में भारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़ने से सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गये हैं और दोनों ही राज्यों में जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है.</p><p>अकेले असम राज्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 42 लाख से ज़्यादा बताई जा रही है और सूबे में 180 से ज़्यादा सहायता केंद्र स्थापित करने पड़े हैं.</p><p>सोशल मीडिया पर लोग इन राज्यों में हालात सामान्य होने की कामना कर रहे हैं और अपने संदेशों के साथ कई तस्वीरें और वीडियो भी शेयर कर रहे हैं.</p><p>लेकिन राहुल गांधी अकेले नहीं हैं, जिन्होंने बाढ़ की पुरानी तस्वीरों को 2019 का समझकर सोशल मीडिया पर शेयर किया है.</p><p>हमने पाया कि ऐसी कई तस्वीरें हैं जिन्हें फ़ेसबुक के बड़े ग्रुप्स से सैकड़ों बार शेयर किया गया है या सैकड़ों लोगों ने ट्विटर और वॉट्सऐप पर इन्हें पोस्ट किया हैं, लेकिन इन तस्वीरों का बिहार और असम की मौजूदा स्थिति से कोई संबंध नहीं है.</p><p>पढ़ें ऐसी ही चार तस्वीरों का सच.</p><figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/9523/production/_107897183_7a6714f9-e763-4807-937c-1747258eee30.jpg" height="699" width="976" /> <footer>SM Viral Photo</footer> </figure><h3>पहली फ़ोटो</h3><p>नाक तक भरे पानी में एक बच्चे को कंधे पर बैठाकर ले जाते इस शख़्स की तस्वीर साल 2013 से बाढ़ की त्रासदी को दिखाने के लिए इस्तेमाल की जा रही है.</p><p>रिवर्स इमेज सर्च से मिले नतीजों के अनुसार <a href="http://ungaveetupillai.blogspot.com/2013/06/">24 जून 2013 को</a> एक तमिल भाषी ब्लॉग में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.</p><p>इसके बाद चेन्नई की ‘राउंड टेबल इंडिया ट्रस्ट’ नाम की एक संस्था ने <a href="https://roundtableindia.wordpress.com/category/relief-efforts/">साल 2015 में</a> असम की बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए फंड एकत्र करने के लिए इसी तस्वीर का इस्तेमाल अपने पोस्टर पर किया था.</p><figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/E343/production/_107897185_077197e0-2e5d-4c46-a276-f27c5944eec5.jpg" height="762" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h3>दूसरी फ़ोटो</h3><p>बाढ़ के पानी से बचने के लिए छप्पर के ऊपर बैठे चार बच्चों की यह तस्वीर 27 जुलाई 2016 को फ़ोटो जर्नलिस्ट कुलेंदु कालिता ने खींची थी.</p><p>फ़ोटो एजेंसी गेटी के अनुसार, यह तस्वीर असम राज्य के गुवाहाटी शहर से दक्षिण-पश्चिम में स्थित कामरूप ज़िले की है.</p><p>ये इलाक़ा साल 2016 में ब्रह्मपुत्र नदी में पानी बढ़ने के कारण बाढ़ से प्रभावित हुआ था.</p><figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/13163/production/_107897187_ae850ad5-2e09-49f4-bf4e-35cc3538ff92.jpg" height="1079" width="976" /> <footer>Indian Express</footer> </figure><h3>तीसरी फ़ोटो</h3><p>एक टाइगर के शव के पास नाव में बैठे वन विभाग के कर्मचारियों की यह तस्वीर क़रीब दो साल पुरानी है.</p><p><a href="https://twitter.com/vishal_bhuyan/status/1150059891395981312">सोशल मीडिया पर</a> इस तस्वीर को साल 2019 में आई बाढ़ का बताकर शेयर किया जा रहा है.</p><p>लेकिन 18 अगस्त 2017 को फ़ोटो एजेंसी एपी के फ़ोटो जर्नलिस्ट उत्तम सेकिया ने काज़ीरंगा नेशनल पार्क के पास यह तस्वीर खींची थी.</p><p>साल 2017 में इस तस्वीर को कई <a href="https://indianexpress.com/article/india/assam-floods-225-animals-dead-in-kaziranga-national-park-4803925/">अख़बारों ने इस्तेमाल किया</a> था और लिखा था कि असम में आई बाढ़ के कारण काज़ीरंगा नेशनल पार्क में 225 से ज़्यादा जानवरों की मौत हुई.</p><p>पार्क के अधिकारियों ने पिछले साल बताया था कि साल 2012 में 793 और 2016 में 503 जानवरों की बाढ़ के कारण मौत हुई थी.</p><figure> <img alt="सोशल मीडिया" src="https://c.files.bbci.co.uk/17F83/production/_107897189_49454781-00f9-4f31-adfe-de193e481b5a.jpg" height="649" width="976" /> <footer>SM Viral Photo</footer> </figure><h3>चौथी फ़ोटो</h3><p>पानी में डूबे एक बड़े भूखण्ड की यह एरियल तस्वीर बीते कुछ दिनों में <a href="https://twitter.com/Im_Deep07/status/1150673757653966849">#AssamFloods</a> के साथ सैकड़ों बार शेयर की गई है. लेकिन यह असम की तस्वीर नहीं है.</p><p>रिवर्स इमेज सर्च के ज़रिये जो सुझाव सामने आते हैं, उनके अनुसार यह फ़ोटो साल 2008 में बिहार में आई बाढ़ की है. लेकिन उस समय का कोई आर्टिकल जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया हो, इंटरनेट पर नहीं मिलता.</p><p>लेकिन <a href="https://www.india.com/news/india/floods-in-north-india-leaves-lakh-homeless-in-bihar-up-and-uttarakhand-121257/">साल 2014</a> में और <a href="https://hindi.news18.com/photogallery/flood-river-india-393089.html">2015 में</a> प्रकाशित कई लेखों में इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था.</p><figure> <img alt="फ़ैक्ट चेक टीम" src="https://c.files.bbci.co.uk/1310/production/_105908840_giftguideunder50-1.png" height="176" width="1454" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>(इस </strong><a href="https://wa.me/919811520111">लिंक पर क्लिक</a><strong> कर</strong><strong>के भी आप हमसे जुड़ सकते हैं</strong><strong>)</strong></p> <ul> <li>पढ़ें फ़ैक्ट चेक की सभी कहानियाँ एक साथ – <a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47154818?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">फ़ैक्ट चेक- जानें फ़र्ज़ी ख़बरों और दावों का सच</a></li> </ul><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें