कोलकाता : एक फरवरी से पसंदीदा चैनल देखने के लिए टेलीकॉम ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के निर्देश पर कलकत्ता हाइकोर्ट ने स्थगनादेश लगाया है. स्थगनादेश 18 फरवरी तक लगाया गया है. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश अरिंदम सिन्हा ने यह स्थगनादेश लगाया है. गौरतलब है कि ट्राई के निर्देश के खिलाफ राज्य के 80 केबल ऑपरेटर्स की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी.
याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि ट्राई के निर्देश को लागू करने के लिए अभी भी आधारभूत ढांचे का अभाव है. इसके अलावा चैनलों का एमएसओ व केबल ऑपरेटर्स के बीच लाभांश के बंटवारे में भी भेदभाव है. लिहाजा केबल ऑपरेटर्स को आर्थिक नुकसान का सामना करना होगा. कई बार कहने पर भी इसका समाधान नहीं हो सका है.
ट्राई के निर्देश के तहत एक फरवरी से पे चैनल देखने के लिए ग्राहक को प्रति चैनल या फिर चैनल के पैक के आधार पर नयी दरों से चैनलों का चुनाव करना है. याचिकाकर्ताओं के संगठन विश्वबांग्ला केबल ऑपरेटर्स के सचिव शंकर मंडल ने बताया कि ट्राई के निर्देश में केबल ऑपरेटर्स को जिस लाभांश देने की बात कही गयी है उससे उन्हें नुकसान होगा.
इसके अलावा जिस ग्राहक हित की बात कही गयी है वह भी सही नहीं है. फिलहाल औसतन 170 रुपये में सभी चैनल देखे जा सकते हैं. नये नियम में काफी अधिक पैसे देने होंगे. ग्राहकों को दोगुने पैसे देने के लिए बाध्य किया जा रहा है. मामले की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी.