26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पुराना कुआं सोखता में होगा तब्दील

अररिया : एक तरफ जहां सरकार सरकारी जलस्त्रोत के संरक्षण व संवर्द्धन के लिये कई योजना चला रही है. वहीं समाहरणालय परिसर में मिले एक पुराने कुंआ को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की दोहरी नीति सामने आ रही है. जिसकी चर्चा जोरों पर है. यही नहीं अब आम लोगों के अलावा कुछ सरकारी कर्मी भी दबे […]

अररिया : एक तरफ जहां सरकार सरकारी जलस्त्रोत के संरक्षण व संवर्द्धन के लिये कई योजना चला रही है. वहीं समाहरणालय परिसर में मिले एक पुराने कुंआ को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की दोहरी नीति सामने आ रही है. जिसकी चर्चा जोरों पर है.

यही नहीं अब आम लोगों के अलावा कुछ सरकारी कर्मी भी दबे जुबान इस बात की चर्चा करने लगे हैं. वर्षों पूर्व अवस्थित एक कुआ जो कालांतर में समाहरणालय के चाहरदिवारी में कैद होकर मिट्टी व मलबे के ढ़ेर के नीचे दब सा गया.
वह कुछ दिनों पूर्व शौकता के निर्माण के क्रम में पुन: लोगों के सामने आया. इधर बीते कुछ महिनों से समाहरणालय परिसर को नया रूप देने की कवायद चल रही है. इसी क्रम में परिसर में डीडीसी कार्यालय के समक्ष एक पुराने कुंआ होने का पता चला. बताया जाता है कि यह कुंआ सौ साल से भी अधिक पुराना हो सकता है. लेकिन इतने पुराने कुंआ के संरक्षण व संवर्द्धन के प्रति प्रशासन का उदासीन रवैया सामने आ रहा है.
बताना लाजमी है कि अभी कुछ दिन पहले इसी कुंआ के बगल में कलैक्ट्रेट परिसर को जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिये शौकता का निर्माण कराया गया था. लेकिन शौकता जलजमाव से निजात दिलाने में कारगर साबित नहीं हो सका. इसे देखते हुए प्रशासनिक तौर पर शौकता के आकार को बड़ा करने का निर्णय लिया गया.
शौकता के आकार को बड़ा करने की कवायत के दौरान इससे सटे एक बड़े आकार का पुराना कुंआ होने का पता चला. वहां कुंआ का पता चलने के बाद अब उसी पुराने कुंआ को ही शौकता के रूप में तब्दील करने की कोशिश की जा रही है. बताना लाजमी है कि बढ़ते पर्यावरणीय समस्या को देखते हुए बिहार सरकार ने बीते 09 अगस्त को जल-जंगल हरियाली नाम से नयी योजना लागू की है.
योजना का मुख्य मकसद ही सार्वजनिक जलस्त्रोतों का सर्वेक्षण कर इसे अतिक्रमण से मुक्त करते हुए इसका जीर्णोद्धार करना है. ताकि भविष्य में संभावित जल संकट के खतरे का टाला जा सके. साथ ही सार्वजनिक जलस्त्रोतों का जीर्णोधार कर लोगों को हर साल आने वाली बाढ़ की समस्या से निजात दिलाया जा सके. राज्य सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में योजना के क्रियान्वयन की कवायत जिले में शुरू हो चुकी है.
हाल ही में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में इसे लेकर आयोजित बैठक में सार्वजनिक जलस्त्रोत के सर्वेक्षण व जीर्णोधार को लेकर सभी सीओ, मनरेगा पीओ सहित सभी राजस्व कर्मियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं. इसके ठीक उलट कलैक्ट्रेट में मिले कुंआ को लेकर प्रशासन की दोहरी नीति सामने आ रही है. इस पुराने कुंआ को शौकता में तब्दील कर इसके असतित्व को हमेशा-हमेशा के लिये खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है.
पूर्व में बनाये गये सोखता के क्षतिग्रस्त होने पर हो रहा है उसका जीर्णोद्धार
कलैक्ट्रेट में जिसे गढ्ढे को कुंआ बताया जा रहा है. दरअसल वह कुंआ नहीं शौकता ही है. जो परिसर को जलजमाव की समस्या से निजात दिलाने के लिये पूर्व में बनाया गया था. लेकिन वाहनों की आवाजाही के कारण उसका ढक्कन क्षतिग्रस्त हो गया.
इसके बाद उक्त शौकते का जीर्णोधार करते हुए इसके आकार को बड़ा किया जा रहा है. इसकी गहराई महज सात से आठ फीट है. परिसर के कई अन्य जगहों पर भी शौकता का निर्माण कराया जा रहा है. ताकि कलैक्ट्रेट परिसर को जलजमाव की समस्या से पूरी तरह मुक्त किया जा सके.
शंभु कुमार, डीपीआरओ

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें