कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी को लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोलना भारी पड़ गया है. भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और प्रल्हाद जोशी द्वारा दिए गए विशेषाधिकार हनन नोटिस पर राहुल से लोकसभा सचिवालय ने जवाब मांगा है.
क्या है मामला
दरअसल भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और प्रल्हाद जोशी ने 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और भड़काऊ बयान देने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. जिसपर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विचार करने के बाद कार्रवाई की बात कही थी.
राहुल गांधी ने नियम 353 और 369 का उल्लंघन किया : प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा था कि कांग्रेस सदस्य ने सदन के कामकाज के नियम 353 और 369 का उल्लंघन किया. उन्होंने कहा कि नियम 353 के तहत उस व्यक्ति पर आरोप नहीं लगाये जा सकते जो अपने बचाव के लिए सदन में उपस्थित नहीं थे. जोशी ने कहा, राहुल गांधी ने सदन में बेबुनियाद आरोप लगाये हैं जिनका सरकार से कोई संबंध नहीं है. जबकि झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे ने सदन में प्रश्नकाल के बाद कहा था कि उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है.
अदाणी समूह को लेकर सदन में राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर किया था हमला
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए लोकसभा में आरोप लगाया था कि 2014 में केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी के आने बाद ऐसा असली जादू हुआ कि आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अदाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कांग्रेस नेता ने दावा किया, देश की सरकार की मदद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हजारों करोड़ रुपया अदाणी जी को मिलता है.