मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रविवार को पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार (Lata Deenanath Mangeshkar Award) प्राप्त किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो, तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है. इसलिए, मना करना मेरे लिए मुमकिन ही नहीं है.
पीएम ने देशासियों को समर्पित किया पुरस्कार
पीएम मोदी ने कहा कि मैं इस पुरस्कार को सभी देशवासियों को समर्पित करता हूं. मेरे लिए लता दीदी सुर साम्राज्ञी के साथ-साथ मेरी बड़ी बहन भी थीं. पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी से अपनी बहन जैसा प्रेम मिला हो, इससे बड़ा सौभाग्य और क्या होगा.
लता दीदी के भीतर थी राष्ट्रभक्ति की चेतना
उन्होंने कहा कि संगीत के साथ साथ राष्ट्रभक्ति की जो चेतना लता दीदी के भीतर थी, उसका स्रोत उनके पिताजी ही थे. आजादी की लड़ाई के दौरान शिमला में ब्रिटिश वायसराय के कार्यक्रम में दीनानाथ जी ने वीर सावरकर का लिखा गीत गाया था. उसकी थीम पर प्रदर्शन किया था. वीर सावरकर ने ये गीत अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देते हुए लिखा था. ये साहस, ये देशभक्ति, दीनानाथ जी ने अपने परिवार को विरासत में दी थी.
राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यबोध के शिखर पर पहुंचाता है संगीत
पीएम मोदी ने कहा कि संगीत से आप में वीररस भरता है. संगीत मातृत्व और ममता की अनुभूति करवा सकता है. संगीत आपको राष्ट्रभक्ति और कर्तव्यबोध के शिखर पर पहुंचा सकता है. हम सब सौभाग्यशाली हैं कि हमने संगीत की इस सामर्थ्य को, इस शक्ति को लता दीदी के रूप में साक्षात् देखा है.
लता ने 30 से ज्यादा भाषा में हजारों गीत गाये
उन्होंने कहा कि संस्कृति से लेकर आस्था तक, पूरब से लेकर पश्चिम तक, उत्तर से दक्षिण तक, लता जी के सुरों ने पूरे देश को एक सूत्र में पिरोने का काम किया. दुनिया में भी, वो हमारे भारत की सांस्कृतिक राजदूत थीं. लता जी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की मधुर प्रस्तुति की तरह थीं. आप देखिए, उन्होंने देश की 30 से ज्यादा भाषाओं में हजारों गीत गाये. हिंदी हो या मराठी, संस्कृत हो या दूसरी भारतीय भाषाएं, लताजी का स्वर वैसे ही हर भाषा में घुला हुआ है.
संगीत साधना भी है, भावना भी
पीएम मोदी ने कहा कि जो अव्यक्त को व्यक्त कर दे- वो शब्द है. जो व्यक्ति में ऊर्जा का, चेतना का संचार कर दे- वो नाद है. और जो चेतन में भाव और भावना भर दे, उसे सृष्टि और संवेदना की पराकाष्ठा तक पहुंचा दे- वो संगीत है. मैं संगीत जैसे गहन विषय का जानकार तो नहीं हूं, लेकिन सांस्कृतिक बोध से मैं ये महसूस करता हूं कि संगीत एक साधना भी है, और भावना भी.
लता मंगेशकर के नाम पर शुरू हुआ पुरस्कार
ज्ञात हो कि यह पुरस्कार स्वरकोकिला लता मंगेशकर की याद में शुरू किया गया है. मशहूर गायिका का इस साल 6 फरवरी को 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था. इससे पहले जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहे प्रधानमंत्री मोदी शाम करीब पांच बजे मुंबई स्थित कार्यक्रम स्थल षणमुखानंद हॉल पहुंचे. उन्होंने कहा कि संगीत मातृत्व और स्नेह का अहसास देता है.