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भारत ने सोशल मीडिया को लेकर लागू किए गए आईटी के नए नियमों पर यूएन को दिया जवाब, जानिए पूरा मामला

India Response To UN On IT Rules आईटी के नए नियमों को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) के कुछ एक्सपर्ट्स की ओर से सवाल उठाए जाने पर भारत सरकार ने जवाब भेजा है. भारत सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल होने की वजह से ऐसा करना पड़ा है. दरअसल, यूएन के कुछ एक्सपर्ट्स ने न्यू आईटी नियमों पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया गया था कि भारत के नए नियम अंतर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंड के हिसाब से नहीं हैं.

India Response To UN On IT Rules आईटी के नए नियमों को लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) के कुछ एक्सपर्ट्स की ओर से सवाल उठाए जाने पर भारत सरकार ने जवाब भेजा है. भारत सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि देश में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के गलत इस्तेमाल होने की वजह से ऐसा करना पड़ा है. दरअसल, यूएन के कुछ एक्सपर्ट्स ने न्यू आईटी नियमों पर सवाल खड़ा करते हुए आरोप लगाया गया था कि भारत के नए नियम अंतर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानदंड के हिसाब से नहीं हैं.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के स्थायी मिशन ने अपने जवाब में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने 2018 में लोगों, सिविल सोसाइटी, उद्योग संघ और संगठनों सहित विभिन्न हितधारकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया और मसौदा नियम तैयार करने के लिए सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित कीं. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र के एक्सपर्ट्स ने इसी साल 26 मई से लागू हुए सोशल मीडिया के नए नियमों की आलोचना की थी और कहा था कि ये नियम अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के विपरीत हैं. यूएन की रिपोर्ट में इन नियमों को अभिव्यक्ति की आजादी पर पाबंदी और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया गया था.

मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारतीय संविधान के तहत वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की गारंटी दी गई है. स्वतंत्र न्यायपालिका और मजबूत मीडिया भारत के लोकतांत्रिक ढांचे का हिस्सा हैं. सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग के बढ़ती मामलों के कारण व्यापक चिंताओं के चलते नए आईटी नियम लागू करना आवश्यक हो गया था. इन घटनाओं में आतंकियों की भर्ती के लिए प्रलोभन, अश्लील सामग्री का प्रसार, वैमनस्य का प्रसार, वित्तीय धोखाधड़ी, हिंसा, उपद्रव के लिए उकसाना आदि शामिल हैं.

यूएनएचआरसी की विशेष शाखा ने 11 जून को नए आईटी नियमों के कुछ प्रावधानों को लेकर चिंताएं प्रकट करते हुए आरोप लगाया था कि ये अंतरराष्ट्रीय कानूनों, निजता के अधिकार संबंधी मानकों तथा नागरिक और राजनीतिक अधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय संधि द्वारा मान्य वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अनुरूप नहीं है. इस संधि को भारत ने 10 अप्रैल 1979 स्वीकार लिया था. यूएनएचआरसी की विशेष शाखा ने सरकार से नए कानूनों को लेकर सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा करने को कहा था. ट्विटर को 31 जनवरी 2021 को किसानों के प्रदर्शन के बारे में भ्रामक सूचनाएं फैलाने वाले एक हजार से ज्यादा अकाउंट को बंद करने के निर्देश पर भी चिंता जतायी गयी थी.

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