संसद का मानसून सत्र इस बार 20 जुलाई से शुरू हुआ है और यह 11 अगस्त तक चलेगा, लेकिन संसद के इस सत्र में अबतक कामकाज सुचारूरूप से चल नहीं पाया है, जिसकी वजह से लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला काफी नाराज हो गये हैं. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आ रही है कि जबतक कामकाज शांति से शुरू नहीं होता, तबतक वे सदन की कार्यवाही का संचालन नहीं करेंगे. आज सुबह से वे लोकसभा की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए हैं.
पीटीआई न्यूज के अनुसार लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नाराज हैं और वे सदन में मौजूद होने के बाद भी सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हुए. लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि लोकसभा अध्यक्ष ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्हें इसके बारे में बता भी दिया है. जानकारी के अुनसार ओम बिरला ने कहा है कि सदन की गरिमा उनके लिए सर्वोच्च है और सदन में मर्यादा कायम करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है.
ओम बिरला का कहना है कि सदन में जो कुछ हो रहा है वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. कुछ सदस्यों का व्यवहार संसद की गरिमा के विपरीत है, जिसकी वजह से सदन की मर्यादा को ठेस पहुंचती है. ओम बिरला का कहना है कि सदन में जारी भारी शोर-शराबे से कामकाज पूरी तरह ठप है. आज संसद के मानसून सत्र का 14वां दिन है, लेकिन एक भी दिन सदन की कार्यवाही बिना हंगामे के नहीं चली है. मंगलवार को सदन में दिल्ली सेवा संबंधी विधेयक पेश किया गया था, उस दौरान विपक्षी पार्टियों ने जबरदस्त हंगामा किया था उनके हंगामे से लोकसभा स्पीकर नाराज थे और उन्होंने बार-बार यह कहा कि आप शांत हो जायें, मैं आपको चर्चा के दौरान बोलने का मौका दूंगा. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था, पूरा देश देख रहा है, आप संसद में इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं जो उचित नहीं है.
ज्ञात हो कि संसद का मानसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ है और 19 जुलाई को मणिपुर का वीडियो वायरल हुआ था. यही वजह है कि संसद का सत्र शुरू होते ही संसद के दोनों सदन में हंगामा जारी है और सदन की कार्यवाही बाधित है. आज भी सदन की कार्यवाही नहीं चल पायी और लोकसभा में मणिपुर मुद्दे पर जारी हंगामे की वजह से कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित हुई थी, फिर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.
वहीं सदन की कार्यवाही बाधित किये जाने पर कांग्रेस नेता और सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सदन की कार्यवाही को सत्ता पक्ष नहीं चलने दे रहा है. वे साजिश के तहत ऐसा कर रहे हैं. हम इतने दिन से प्रधानमंत्री से मणिपुर मुद्दे पर बयान देने कह रहे हैं, लेकिन वे अबतक सदन में इस मामले पर नहीं बोल रहे हैं. सत्ता पक्ष खुद सदन को बाधित कर रहा है और इसका ठीकरा हमारे सिर पर फोड़ना चाहता है.
#WATCH | "This is government-sponsored adjournment," says Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury after Lok Sabha was adjourned ahead of discussion on the Delhi Services Bill. pic.twitter.com/kgo9SpCcMa
— ANI (@ANI) August 2, 2023
ज्ञात हो कि विपक्षी गठबंधन के सदस्य हाल ही में मणिपुर का दौरा करके लौटे हैं. इन सदस्यों में से 21 लोग आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने गये और उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की साथ ही उन्हें हालात का ब्यौरा भी दिया. तृणमूल कांग्रेस की सांसद सुष्मिता देव ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा मणिपुर के दो समुदायों की दो बहादुर महिलाओं को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया जाना चाहिए ताकि एक मजबूत संदेश दिया जा सके. उन्होंने यह जानकारी दी कि विपक्षी गठबंधन के नेताओं ने राष्ट्रपति से यह आग्रह किया है. उनका कहना है कि मैइती और कुकी समुदाय की दो महिलाओं को उच्च सदन भेजा जाना चाहिए.
ज्ञात हो कि मणिपुर में जारी हिंसा के बीच चार मई को कुकी समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और उनके साथ हैवानियत करने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद पूरे देश में गुस्सा है. विपक्षी पार्टियां इस मुद्दे पर सरकार को घेरने के लिए एकजुट हुई हैं और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लेकर आयी है. जानकारी के अनुसार इस प्रस्ताव पर सात-आठ अगस्त को लोकसभा में चर्चा होगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दौरान सदन में मौजूद होंगे. मणिपुर मामले को लेकर विपक्ष लगातार यह कह रहा है कि पीएम मोदी सदन में आकर बयान दें, सत्ता पक्ष भी इस मसले पर चर्चा करने को तैयार है, बावजूद इसके गतिरोध बना हुआ है, जिसपर स्पीकर ने नाराजगी जतायी है.
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