असम (Assam Floods) में बाढ़ से स्थिति चिंताजनक है. इस बीच राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) ने मंगलवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) को फोन कर राज्य में बाढ़ के मौजूदा हालात की जानकारी ली. मुख्यमंत्री सरमा ने ट्वीट किया, उनके द्वारा व्यक्त की गई चिंता के लिए बहुत आभारी हूं. यह बाढ़ से निपटने में हमारे मनोबल को बढ़ाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने भी सरमा को फोन पर असम में बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली. गौरलतब है कि असम भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है. बाढ़ के कारण अबतक करीब 180 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 90 लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
असम में बाढ़ से 21 जिला प्रभावित
असम में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या पिछले दिन के 18.35 लाख से घटकर लगभग 14 लाख हो गयी. एक आधिकारिक बुलेटिन में यह जानकारी दी गयी. बुलेटिन में कहा गया है कि इस साल बारिश और बाढ़ के कारण जान गंवाने वालों की संख्या 180 हो गयी. एएसडीएमए ने कहा कि बारपेटा, विश्वनाथ, कछार, दरांग, डिब्रूगढ़, हैलाकांडी, होजई, कामरूप,उदलगुरी, करीमगंज, लखीमपुर, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तामुलपुर सहित 21 जिलों में बाढ़ से अब भी 13,71,600 लोग प्रभावित हैं.
कछार जिला बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित
कछार जिला लगभग 6.69 लाख लोगों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है. इसके बाद नगांव के 3.63 लाख लोग और मोरीगांव के 1.79 लाख लोग प्रभावित हैं. रविवार तक राज्य के 23 जिलों में 18.35 लाख से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके थे. एएसडीएमए ने कहा कि वर्तमान में, 1,344 गांव जलमग्न हैं. अधिकारी 18 जिलों में 376 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां 41,546 बच्चों सहित 1,55,271 लोगों ने शरण ली है.
नदी खरते के निशान से ऊपर
केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन का हवाला देते हुए, एएसडीएमए ने कहा कि धुबरी शहर में ब्रह्मपुत्र नदी, और धरमतुल में कोपिली, नंगलमुराघाट में दिसांग और चेनीमारी (खोवांग) में बुरहीडीहिंग नदी खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं.
(इनपुट- भाषा)