नयी दिल्ली : सेना भर्ती घोटाले में एक और ताजा मामला सामने आया है. सेना में चल रहे भर्ती मामले में मेडिकल परीक्षण के दौरान गलत कार्यों में शामिल होने के कारण सेना के चिकित्सक को अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का सामना करना पड़ेगा.
सरकारी सूत्रों के ने न्यूज एजेन्सी एएनआई को बताया कि ''हरियाणा में तैनात सेना के एक चिकित्सक को जवानों के मेडिकल टेस्ट कराने से पहले ही अभ्यर्थियों की गलत जांच यानी गलत कार्यों में भूमिका को लेकर जांच का सामना करना पड़ रहा है.
सूत्रों के मुताबिक, सेना के आंकड़ों से पता चलता है कि सेना में भर्ती किये गये करीब 42 जवानों ने अपना पहला मेडिकल टेस्ट क्लियर नहीं किया. वहीं, उन्हें पहले टेस्ट के एक महीने बाद होनेवाले रिव्यू मेडिकल बोर्ड से गुजरने को कहा गया है.
सूत्रों ने बताया कि कई मौकों पर देखा गया है कि अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा में नाक की हड्डी में खराबी या कोई अन्य मामूली समस्या के आधार पर असफल हो जाते हैं. इन भर्तियों के लिए बड़ी संख्या में समीक्षा मेडिकल बोर्ड से गुजरना पड़ता है, जिसके लिए उन्हें रिश्वत देने के लिए कहा जाता है.
चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये थे कि वे नैतिक मर्यादा और वित्तीय गड़बड़ियों के मामलों में लिप्त लोगों के खिलाफ पूरी तरह से काम करें. अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है और भर्ती से जुड़े घोटाले में अधिकारियों और अभ्यर्थियों की भूमिका पायी गयी हैं.
जनरल रावत ने कुछ गलत अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी. सेना की न्याय प्रणाली ने कई अधिकारियों को नैतिक गड़बड़ी में शामिल पाये जाने के बाद भ्रष्टाचार के मामलों में पेंशन लाभ दिये बिना घर भेज दिया है.