मुंबई : महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शिवाजी राव पाटिल-नीलांगेकर को एक बड़ी राहत देते हुए सीबीआई ने आदर्श हाउसिंग सोसाइटी घोटाले में उन्हें क्लीनचिट दे दी.बंबई उच्च न्यायालय के समक्ष दायर हलफनामे में सीबीआई ने कहा है कि एजेंसी ने पाटिल-नीलांगेकर की भूमिका की पड़ताल की लेकिन ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे पता चले की उनकी तरफ से आपराधिक कदाचार हुआ.
सीबीआई ने हलफनामे में कहा है, ‘‘आदर्श के संबंध में शिवाजीराव पाटिल-नीलांगेकर और अन्य की भूमिका की पड़ताल की गयी. जांच के दौरान सामने आए तथ्यों से उनके(नीलांगेकर और अन्य के )खिलाफ कदम उठाने की जरुरत नहीं है. इसलिए आरोपपत्र में उनका नाम आरोपी के तौर पर नहीं है.’’सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वातेगाओनकर की एक याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में मामले में पाटिल-नीलांगेकर को आरोपी बनाने की मांग की गयी थी.
आदर्श जांच पर अपनी जनहित याचिका को लेकर आवेदन करने वाले वातेगाओनकर ने आरोप लगाया था कि पाटिल नीलांगेकर ने राजस्व मंत्री के अपने कार्यकाल में अवैध तरीके से आदर्श सोसाइटी में कुछ मंजूरी दी थी. बदले में उनके रिश्तेदार को आदर्श में फ्लैट आबंटित किया गया.