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हैदराबाद बम धमाका: आतंकी भटकल समेत पांच को फांसी की सजा, तहसीन ने आइइडी किये थे तैयार

हैदराबाद : इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल व एक पाकिस्तानी नागरिक समेत पांच आतंकवादियों को सोमवार को एनआइए कोर्ट ने फरवरी, 2013 में हैदराबाद में हुए बम धमाकों के मामले में मौत की सजा सुनायी. इसमें समस्तीपुर का रहनेवाला तहसीन अख्तर उर्फ मोनू भी है. इस धमाके में 18 लोगों की मौत हुई […]

हैदराबाद : इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल व एक पाकिस्तानी नागरिक समेत पांच आतंकवादियों को सोमवार को एनआइए कोर्ट ने फरवरी, 2013 में हैदराबाद में हुए बम धमाकों के मामले में मौत की सजा सुनायी. इसमें समस्तीपुर का रहनेवाला तहसीन अख्तर उर्फ मोनू भी है. इस धमाके में 18 लोगों की मौत हुई थी. फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश टी श्रीनिवास राव ने इसे रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मामला बताया. यह पहला मामला है, जिसमें आइएम के आतंकवादियों को आतंक के किसी मामले में दोषी ठहराया गया है.

अदालत ने सजा पर अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद दोषियों को मौत की सजा सुनायी और भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने और आतंकवादी कृत्य करने समेत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की जेल की सजा सुनायी. पिछले 13 दिसंबर को अदालत ने इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक मोहम्मद अहमद सिद्दीबापा उर्फ यासीन भटकल, पाकिस्तानी नागरिक जिया-उर-रहमान उर्फ वकास, असदुल्ला अख्तर उर्फ हड्डी, तहसीन अख्तर उर्फ मोनू और एजाज शेख को दोषी ठहराया था. सभी यहां चेरलापल्ली जेल में बंद हैं. गत सात नवंबर को विशेष अदालत में मामले में अंतिम दलीलें पूरी हुई थीं. 157 लोगों ने गवाही दी.

चूंकि इंडियन मुजाहिदीन संस्थापक और मामले का प्रमुख आरोपी रियाज भटकल फरार है, इसलिए उसके खिलाफ मुकदमे को अलग कर दिया गया था. इस बीच, इंडियन मुजाहिदीन आतंकवादियों के वकील ने कहा कि वे अपने मुवक्किलों की दोषसिद्धि के खिलाफ फैसले की सत्यापित प्रति मिलने के बाद उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे.

तहसीन ने आइइडी तैयार किये थे

एनआइए के अनुसार, रियाज भटकल ने विस्फोटक पदार्थों की व्यवस्था की और मंगलूर में असदुल्ला अख्तर और जिया-उर-रहमान को इसे हासिल करने का निर्देश दिया. विस्फोटक सामग्री और हवाला और मनी ट्रांसफर माध्यमों से रियाज द्वारा भेजे गये धन को हासिल करने के बाद असदुल्ला और वकास हैदराबाद पहुंचे, जहां तहसीन अख्तर उनके साथ हो गया. तहसीन की मदद से दो आइइडी तैयार किये गये और दो साइकिल की व्यवस्था की गयी. उन्होंने दोनों साइकिलों में दो बम लगा कर दिलसुखनगर में दो अलग-अलग स्थानों पर रख दिया , जिसमें दो शक्तिशाली धमाके हुए. बचाव पक्ष के वकील महादेवन ने कहा, ‘‘मुझे उनके (दोषियों) और उनके रिश्तेदारों से अपील दायर करने का निर्देश मिला है.’

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