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प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी को गलत समझा गया: किताब

नयी दिल्ली: लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी द्वारा लिखी गयी किताब ‘रीसज्रेंट इंडिया : ग्लिंप्सेज ऑफ राजीव गांधीज विजन ऑफ इंडिया’ में कहा गया है कि राजीव गांधी हमारे देश के सबसे गलत समङो गए प्रधानमंत्रियों में से एक हैं और मीडिया ट्रायल की वजह से उन्हें काफी कष्ट ङोलना पड़ा. अचारी द्वारा लिखी […]

नयी दिल्ली: लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी अचारी द्वारा लिखी गयी किताब ‘रीसज्रेंट इंडिया : ग्लिंप्सेज ऑफ राजीव गांधीज विजन ऑफ इंडिया’ में कहा गया है कि राजीव गांधी हमारे देश के सबसे गलत समङो गए प्रधानमंत्रियों में से एक हैं और मीडिया ट्रायल की वजह से उन्हें काफी कष्ट ङोलना पड़ा.

अचारी द्वारा लिखी गयी इस नई किताब में कहा गया है, ‘‘उनके कार्यकाल में शायद मीडिया ट्रायल सबसे बदतर स्थिति में था. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि उन्हें इसकी वजह से बहुत अधिक कष्ट ङोलना पड़ा.’’लोकसभा के पूर्व महासचिव अचारी की इस किताब का विमोचन आज उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किया.

किताब के मुताबिक, राजीव गांधी ने जो योगदान किए उन पर कभी भी राजनीतिक या बौद्धिक वर्ग में गंभीर चर्चा नहीं हुई. किताब में कहा गया, ‘‘गांधी को अपने कार्यकाल के एक वस्तुनिष्ठ एवं संतुलित मूल्यांकन का फायदा नहीं मिला. यह निर्विवाद तथ्य है कि राष्ट्रीय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में देश को उनसे बहुत लाभ मिला.’’अचारी ने लिखा है कि राजीव गांधी ने हमेशा ईमानदार विचार को सम्मान दिया, चाहे वे कितने भी असहज करने वाले क्यों न हों.

अपनी किताब में अचारी ने लिखा है, ‘‘उन्होंने (गांधी ने) पार्टी के एक सदस्य (पी जे कुरियन, जो उस वक्त लोकसभा सदस्य थे) को मुख्य सचेतक के पद से पुरस्कृत किया और यह तब हुआ जब कुरियन ने कार्य समिति में साफ तौर पर कहा था कि वी पी सिंह को पार्टी से निकाल देना चाहिए. गांधी ने इस राय को ईमानदार विचार माना जबकि इस मुद्दे पर उनकी राय इसके ठीक उलट थी.’’

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