नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी मोरक्को और ट्यूनीशिया की अपनी पांच दिवसीय यात्रा समाप्त कर आज स्वदेश लौट आए. अपनी इस यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और आपसी हितों से संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा की. उपराष्ट्रपति ने कल अपनी यात्रा के अंतिम चरण एवं आखिरी दिन ट्यूनीशिया इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में आए जनसमूह को संबोधित किया और ट्यूनीशिया के राष्ट्रपति बेजी कैद एस्सेब्सि से मुलाकात की. अंसारी ने इसके अलावा देश के दो प्रभावशाली नेताओं – एन्नहदा पार्टी के अध्यक्ष राशेद गैन्नूची और रिपब्लिक ऑफ ट्यूनीशिया ओथमाने बतीक के मुफ्ती से मुलाकात की.
स्वदेश वापसी से पहले अंसारी ने पूर्वी लेक ऑफ ट्यूनीश स्थित ऐतिहासिक कार्थेज रुइंस (प्राचीन कार्थेजिनियन सभ्यता की राजधानी) और देश की राजधानी से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिदी बोउ शहर की यात्रा की. सचिव (आर्थिक संबंधी) अमर सिन्हा ने बताया कि ट्यूनीशिया की अपनी यात्रा के दौरान उपराष्ट्रपति ने ट्यनीशिया में भारत की भूमिका पर ध्यान केंद्रित किया. बहरहाल, इस दौरान देश के नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ट्यूनीशिया की यात्रा को याद किया.
अमर सिन्हा ने संवाददाताओं को बताया कि अतीत में स्वाधीनता संग्राम में महात्मा गांधी की भूमिका और 1984 में इंदिरा गांधी की उत्तर अफ्रीकी क्षेत्र की यात्रा का वहां काफी प्रभाव रहा है. उन्होंने बताया कि ट्यूनीशिया के लिए मुख्य चुनौती अपने पर्यटन उद्योग को पुनर्जीवित करना है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में यूरोप से पर्यटक क्षेत्र की यात्रा पर आते हैं और यहां भारतीय पर्यटकों के लिए भी यात्रा सुगम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
सिन्हा ने बताया कि भारत ट्यूनीशिया की औद्योगिक क्षेत्र में भी मदद करेगा. टाटा, महिंद्रा और डाबर जैसी कंपनियों ने पहले से ही ट्यूनीशिया में रुची दिखानी शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि भारतीय डॉक्टर और अस्पताल ट्यूनीशिया में अपनी शाखाओं का विस्तार कर सकते हैं क्योंकि स्वास्थ्य के क्षेत्र में वहां काफी संभावनाएं है. इसके अलावा इलाज के लिए ट्यूनीशिया आने वाले लोगों की सुविधा के लिए फार्मा सेक्टर भी वहां अपना विस्तार कर सकता है.
सिन्हा ने बताया कि बातचीत के दौरान राजनीतिक स्तर पर उच्च स्तरीय बैठकों की आवश्यकता पर जोर दिया गया. उन्होंने कहा कि ट्यूनीशिया और मोरक्को में भारत बाजार का विस्तार करना चाहेगा, क्योंकि क्षेत्र में भारतीय कंपनियों के लिए बहुत संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि स्वच्छता के मामले में भारत मोरक्को की राजधानी रबात से सीख सकता है.
रबात में अंसारी ने मोरक्को के प्रधानमंत्री अब्देलिया बेनकिराने और दोनों सदनों के अध्यक्षों सहित अन्य लोगों से मुलाकात की. भारत और मोरक्को ने सांस्कृतिक सहयोग एवं संस्थागत प्रशिक्षण संबंधी दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए. उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने भारत-मोरक्को वाणिज्य एवं उद्योग मंडल का शुभारंभ किया.