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प्रधानमंत्री ने मुंबई में हवाईअड्डा टर्मिनल का उद्घाटन किया

मुंबई: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत की ढांचागत जरुरतों को ‘अत्यंत विशाल’ बताते हुए आज कहा कि इनके विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि इनकी कमी आर्थिक वृद्धि में लम्बे समय तक बाधक न बने. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जरुरत को सरकार अकेले पूरा नहीं कर सकती. सिंह ने […]

मुंबई: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत की ढांचागत जरुरतों को ‘अत्यंत विशाल’ बताते हुए आज कहा कि इनके विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि इनकी कमी आर्थिक वृद्धि में लम्बे समय तक बाधक न बने. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस जरुरत को सरकार अकेले पूरा नहीं कर सकती.

सिंह ने यहां छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के विश्वस्तरीय नवनिर्मित टर्मिनल टी.2 का उद्घाटन करते हुए कहा, ‘‘ भारत की ढांचागत जरुरत जबरदस्त हैं. देश में ढांचागत कमी को एक गंभीर बाधा समझा जाता है जिससे आर्थिक वृद्धि दर प्रभावित हो रही है.’’‘‘ इसलिए, हमें इस घाटे को पाटने के लिए दोगुनी मेहनत करने की जरुरत है. सरकार देश में विश्वस्तरीय ढांचे के निर्माण के लिए भारी निवेश की जरुरत को अकेले नहीं पूरा कर सकती.

यही वजह है कि हम निजी क्षेत्र के साथ साझीदारी को प्रोत्साहित करते रहे हैं और इस टर्मिनल का निर्माण देश में पीपीपी माडल के तहत विशाल ढांचागत परियोजना के सफल क्रियान्वयन का एक और उदाहरण है.’’सिंह ने कहा कि सरकार ने टियर-2 और टियर-3 शहरों में और 50 हवाईअड्डों का विकास कर उन्हें परिचालन में लाने की योजना बनाई है. ‘‘पिछले दस वर्षों में देश में नागर विमानन ढांचे में उल्लेखनीय विकास देखने को मिला है.’’ लंबे समय से अटकी नवी मुंबई हवाईअड्डा परियोजना के संबंध में उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगा कि हमने नवी मुंबई हवाईअड्डा के संबंध में सभी लंबित मुद्दे सुलझा लिए हैं. महराष्ट्र सरकार, केंद्र सरकार के साथ मिलकर इस नए हवाईअड्डे के लिए काम आगे बढ़ा रही है.’’ इस टर्मिनल की डिजाइन नृत्य करते मयूर से प्रेरित है. यह टर्मिनल फरवरी से परिचालन में आएगा. टी.2 को 9,800 करोड़ रपये के निवेश से बनाया गया है.

भारत में सुपरजंबो विमान एयरबस ए.380 का परिचालन शुरु करने की तैयारी का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ टर्मिनल.2 के चालू होने के साथ छत्रपति शिवाजी हवाईअड्डा कोड.एफ के अनुरुप बन गया है और यहां से ए.380 किस्म के विमानों का भी परिचालन किया जा सकता है. ’’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम यह सुनिश्चित करने के लिए संकल्पबद्ध हैं कि ईंधन लागत में वृद्धि एवं ढांचागत बाधाओं जैसी चुनौतियों के बावजूद नागर विमानन क्षेत्र तेजी के साथ बढ़े.’’ सिंह ने घरेलू एयरलाइंस में विदेशी एयरलाइंस को 49 प्रतिशत निवेश करने की अनुमति देने सहित की गई विभिन्न पहल को गिनाते हुए कहा कि इनसे भारतीय विमानन कंपनियों को इक्विटी निवेश के जरिए मदद मिलेगी.

उन्होंने कहा, ‘‘ हमने नए हवाईअड्डों में निजी भागीदारी और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा संचालित चुनिंदा हवाईअड्डों में पीपीपी के जरिए हवाईअड्डा ढांचे में सुधार का प्रयास किया है.’’विमानन क्षेत्र में पीपीपी माडल के काम करने पर खुशी जाहिर करते हुए सिंह ने कहा कि देश के पांच पीपीपी हवाईअड्डे करीब 57 प्रतिशत विमान यात्री यातायात और करीब 70 प्रतिशत विमान से ढोये जाने वाले माल को संभाल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ टर्मिनल-2 की सफलता से देश में अन्य पीपीपी परियोजनाओं को प्रोत्साहन मिलना चाहिए.’’

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