पटना / नयी दिल्ली :हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या की आग अब केंद्र सरकार में शासन कर रही भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के भीतर भी सुलगने लगी है. एनडीए में शामिल लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति नाथ पारस ने हाल ही में हैदराबाद का दौरा करने के बाद इस मामले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग उठाई. चिराग पासवान भी इस मामले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच के पक्ष में हैं. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य संजय पासवान ने भी बीबीसी से बातचीत में अपनी पार्टी के रवैये के खिलाफ आवाज उठायी है. संजय पासवान ने बीबीसी से बातचीत में स्पष्ट कहा है कि इस मामले में संवेदनशीलता दिखाई जानी चाहिए थी और स्थानीय सांसद होने के नाते बंडारु दत्तात्रेय का सीधे तौर पर उस छात्र को एंटी-नेशनल कहना सही नहीं था.
संजय पासवान ने यह भी कहा कि यह केंद्रीय विश्वविद्यालय का मामला था और ऐसे में मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को इस मसले पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए थी जबकि उन्होंने काफी देर की और अपनी प्रतिक्रिया बुधवार को दी. पासवान ने कहा कि मंत्री स्मृति ईरानी के कार्यालय से इस बात के लिए बार-बार रिमाइंडर जाना सही नहीं था इसलिये मुझे लगा कि मुझे इस बात को रखना चाहिए. स्मृति ईरानी द्वारा बुधवार को यह कहे जाने पर कि इस मामले को राजनीतिक रंग ना दिया जाये उसपर बोलते हुए पासवान ने कहा कि ईरानी ने दूर से हस्तक्षेप किया और उन्होंने कहा कि मामला दलित और गैर दलित का नहीं है. मैं मानता हूं कि यह एक रस्मी हस्तक्षेप है.
पासवान ने वहां के वाइस चांसलर को तुरंत निलंबित करने की बात कहते हुए बीबीसी को बताया कि लोग अगर अलग होंगे तो हमारी पार्टी कमजोर होगी. दलित समाज को अलग-थलग करना सही नहीं है और मैं इस वजह से लोगों के बयान से संतुष्ट नहीं हूं. पार्टी के रुख को लेकर किये गये प्रश्न पर उन्होंने कहा कि मैंने कहा है कि प्रधानमंत्री को इस मामले पर बयान देना चाहिए, जिससे एक बड़ा संदेश जाता. इस मसले पर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी बयान देना चाहिए. पासवान बीजेपी में कद्दावर दलित नेता माने जाते हैं और अटल बिहारी वाजपेयी के समय में इनकी पार्टी में काफी दखल थी. संजय पासवान द्वारा पार्टी को लेकर इस तरह का बयान आना काफी मायने रखता है. गौरतलब हो कि हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएच.डी कर रहे दलित छात्र रोहित वेमुला ने 17 जनवरी की रात फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली थी. वह इस यूनिवर्सिटी के उन पांच छात्रों में थे, जिन्हें हॉस्टल से निकाल दिया गया था.
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