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पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति मुद्दे पर जयललिता ने की प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयलतिता ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह केंद्र प्रायोजित योजना के तहत राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति की 1,500 करोड़रुपये से अधिक की राशि को जारी करने के लिए हस्तक्षेप करें. जयललिता ने कहा कि उनकी […]

चेन्नई : तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयलतिता ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वह केंद्र प्रायोजित योजना के तहत राज्य के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति की 1,500 करोड़रुपये से अधिक की राशि को जारी करने के लिए हस्तक्षेप करें. जयललिता ने कहा कि उनकी सरकार ने वर्ष 2015-16 में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए कुल 1295.55करोड़ खर्च करने थे, जिसमें से 942 करोड़रुपये केंद्र का हिस्सा है.

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014-15 की अवधि तक कुल 1175.10 करोड़रुपये बकाया लंबित था. वर्ष 2015-16 के दौरान अब तक भारत सरकार द्वारा केवल 567.34 करोड़रुपये जारी किया गया और इस प्रकार कुल 1549.76 करोड़रुपये शेष बचा हुआ है.’ मोदी को भेज गए एक पत्र में जयललिता ने कहा कि उन्हें जानकारी दीगयी है कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत राज्य सरकार के दावों को स्वीकार किया है, ‘लेकिन अपर्याप्त बजटीय आवंटन के कारण राज्य को राशि जारी करने में वह असमर्थ है. ‘ राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए पत्र में उन्होंने कहा कि केंद्र प्रायोजित एवं राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली इस योजना के तहत छात्रों को छात्रवृत्ति देना बहुत जरूरी है, क्योंकि उनमें से अधिकतर छात्र गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं. इसलिए उन्हें अपनी पढाई को जारी रखने के लिए प्रेरित करने के लिए यहजरूरी है.

जयललिता ने कहा कि छात्रवृत्ति को देने में देरी इस योजना की विश्वसनीयता को धूमिल करती है.

उन्होंने कहा कि मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि वित्त मंत्रालय को निर्देश दें कि वह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को पर्याप्त राशि उपलब्ध कराएं, जिससे इस योजना के तहत तमिलनाडु को दी जाने वाली केंद्र के शेयर की 1549.76 करोड रपए की बकाया राशि राज्य सरकार को जल्द से जल्द मिल सके.

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