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3600 करोड़ रुपये का हेलीकाप्टर सौदा जल्द हो सकता है खत्म

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे को खत्म करने के मामले में जल्द ही फैसला कर सकता है जबकि अगस्ता वेस्टलैंड ने आज कहा कि उसने हेलीकाप्टर घोटाले में सरकार द्वारा उसे जारी किये गये अंतिम कारण बताओ नोटिस का जवाब सौंप दिया है. सूत्रों ने बताया कि एंग्लो […]

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकाप्टर सौदे को खत्म करने के मामले में जल्द ही फैसला कर सकता है जबकि अगस्ता वेस्टलैंड ने आज कहा कि उसने हेलीकाप्टर घोटाले में सरकार द्वारा उसे जारी किये गये अंतिम कारण बताओ नोटिस का जवाब सौंप दिया है.

सूत्रों ने बताया कि एंग्लो इतालवी फर्म ने अपने जवाब में उसकी तरफ से कोई गलत काम किये जाने से इंकार किया. लेकिन रक्षा मंत्रालय के अधिकारी इस बात पर कायम हैं कि कंपनी अनुंबध का उल्लंघन करने में शामिल रही है.

अगस्तावेस्टलैंड अधिकारियों ने कल अपना जवाब रक्षा मंत्रालय को सौंपा. बहरहाल, रक्षा मंत्रालय अब जवाब पर सावधानीपूर्वक गौर करेगा और उसके बाद अनुबंध पर अंतिम निर्णय करेगा. इस बात की प्रबल संभावना है कि रक्षा मंत्री ए के एंटनी इसे खत्म कर दें.

एंटनी पहले ही यह कह चुके हैं कि फर्म ने अनुबंध का उल्लंघन किया है. उन्होंने कंपनी के साथ यह कहते हुए कानूनी विवाद में पड़ने से इंकार कर दिया कि अगस्ता द्वारा शुरु की गयी पंचाट की कार्यवाही में मंत्रालय के शामिल होने का कोई सवाल ही नहीं है.

अगस्ता द्वारा उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी एन श्रीकृष्णा को अपने पक्ष की ओर से एकतरफा ढंग से पंचाट नियुक्त करने के बाद एंटनी ने कल कहा था, ‘‘कोई सवाल ही नहीं है. हमारा रुख स्पष्ट है कि पंचाट का कोई मुद्दा नहीं है. हम पहले ही उन्हें कारण बताओ नोटिस दे चुके हैं. हम उनका जवाब आने के बाद फैसला करेंगे.’’

सौदा रद्द करने का खतरा झेल रही अगस्ता ने वायुसेना को 12 वीवीआईपी हेलीकाप्टर आपूर्ति करने के सौदे में पंचाट प्रावधान को लागू करने की शुरुआत की है तथा 20 नवंबर को अपनी तरफ से श्रीकृष्णा को मनोनीत किया है.

कंपनी के अधिकारियों के एक दल ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिलकर उन्हें हेलीकाप्टर घोटाले में अपना पक्ष बताया और अपनी तरफ से किसी भी गलत काम को किये जाने की बात से इंकार किया.

रक्षा मंत्रालय ने पंचाट के खिलाफ रुख अपनाया है. उसका कहना है कि यह संविदा पूर्व इंटेग्रिटी पैक्ट पर लागू नहीं होता है. इस पैक्ट पर मंत्रालय और उसके विक्रेताओं द्वारा हस्ताक्षर किये जाते हैं.

एंटनी पहले ही दावा कर चुके हैं कि कंपनी ने अनुबंधगत दायित्वों का उल्लंघन किया है. इनके खिलाफ सरकार ने कार्रवाई शुरु की है.

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