बिलहा : ग्रामीण इलाकों में विकास की धीमी रफ्तार की वजह से भाजपा को छत्तीसगढ़ की बिलहा विधानसभा सीट पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा नेता और मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष धरम लाल कौशिक इस सीट से विधायक हैं.
चावल के प्रचुर उत्पादन के लिए प्रख्यात बिलहा में अनुसूचित जातियों की बहुलता है. अनुसूचित जाति के लोगों का सत्ताधारी भाजपा पर आरोप है कि वह केंद्र प्रायोजित विभिन्न योजनाओं के लाभ से उन्हें वंचित रख रही है. बिलहा विधानसभा सीट के तहत 200 से ज्यादा गांव हैं और इस इलाके के लोगों की शिकायत है कि कानून-व्यवस्था बदहाल है, पानी और साफ-सफाई की कमी है, उचित शिक्षा नहीं मिल पा रही तथा स्वास्थ्य सुविधाएं भी खस्ताहाल हैं.
इस विधानसभा सीट के चकरभाटा गांव में खेतिहर मजदूर के तौर पर काम करने वाले दीनदयाल साहू का कहना है, ‘‘भाजपा विधायक ने हाल के दिनों में लोगों के लिए काम करना शुरु किया है. वह अपने शासन के पांचवें साल में सड़क बनवा रहे हैं. इलाके में एक भी बड़ा सरकारी अस्पताल नहीं है. सड़कों पर रोशनी का इंतजाम नहीं है.’’ मजदूरी करने वाली करीब 40 साल की कुसुम का भी कहना है कि इलाके में बहुत कम विकास हुआ है.
कुसुम कहती हैं, ‘‘यहां स्कूलों की स्थिति बदतर है. सरकार द्वारा नियंत्रित राशन की दुकान से राशन लेने के लिए मुझे कतार में खड़े होकर काफी लंबा इंतजार करना पड़ता है. दुकानदार हमसे सही से पेश नहीं आते और यह कहकर इंतजार कराते हैं कि राशन अभी उपलब्ध नहीं है.’’उन्होंने बताया, ‘‘कभी-कभी तो राशन लेने के लिए हमें लगातार 2-3 दिन दुकान का चक्कर लगाना पड़ता है.’’ बिलहा विधानसभा सीट का जायजा लेने से विकास की बंटी हुई तस्वीर नजर आती है.
बिलहा बस्ती (नगर) से बिलहा मोड़ तक जाने वाली सड़क पर काम जोरों से चल रहा है. बिलहा मोड़ की सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-130 से जुड़ती है और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-130 रायपुर से जुड़ती है.बिलहा बस्ती और इसके आसपास के इलाकों की सड़कें तुलनात्मक रुप से बेहतर हैं पर इलाके के ज्यादातर गांवों में अब भी ऐसी सड़कें नहीं हैं जिन्हें हर मौसम में आसानी से इस्तेमाल किया जा सके.
पर्याप्त मात्रामें बिजली उत्पादन के लिए मशहूर छत्तीसगढ़ की बिलहा सीट के तहत आने वाले कई इलाके में बिजली के खंभे लगाए गए हैं और सड़कों के किनारे तार बिछाने का काम जारी है.देवकिरारी गांव में रहने वाले कृष्णा मोदक ने कहा, ‘‘हमें हमारी फसलों के लिए पानी नहीं मिलता. नहरों और बिजली की कमी है जिससे हमारी फसलों को पर्याप्त मात्र में जलापूर्ति नहीं हो पाती.’’