नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की सर्वोच्च संस्था स्कोप ने पूर्व सांसद और बीआरपीएसई के अध्यक्ष नितीश सेनगुप्ता के निधन पर शोक जताया है. सेनगुप्ता (80) की कल शाम दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई.
स्टैंडिंग कान्फरेंस आफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (स्कोप) के महानिदेशक यू डी चौबे ने आज कहा ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के पुनर्गठन बोर्ड :बीआरपीएसई: के अध्यक्ष सेनगुप्ता के अचानक निधन से सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों ने अपना एक बड़ा हितैषी खो दिया.’’ उन्होंने कहा कि उनके निधन से जो स्थान रिक्त हुआ है कि उसकी भरपाई में लंबा वक्त लगेगा.कोलकाता के प्रेसिडेंसी कालेज और इंग्लैंड के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में पढे सेनगुप्ता 1957 में भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुए और उन्होंने राजस्व सचिव तथा योजना आयेाग के सदस्य सचिव जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्यकिया.
इसके अलावा उन्होंने संयुक्त राष्ट्र अंतरदेशीय निगम आयोग जैसे कई बहुपक्षीय संगठनों के साथ काम किया जिसके वे 1981-82 में अध्यक्ष चुने गए.सरकारी सेवा से 1992 में सेवानिवृत्ति होने के बाद उन्होंने अंतर्राष्टरीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) नयी दिल्ली के महानिदेशक का पद संभाला. 1996 में वह राजनीति से जुड़े और 13वीं लोकसभा (1999-2004) में वह सांसद चुने गए. साल 2007 से वह बीआरपीएसई के अध्यक्ष बने जिसका दर्जा राज्य मंत्री के बराबर है.
बीआरपीएसई की स्थापना 2004 में हुई थी जो सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों के पुनरद्धार और पुनर्गठन के लिए सलाहकार संस्थान है.सेनगुप्ता के परिवार के सदस्यों से बताया कि उनकी दो पुत्रियां हैं और जबकि पत्नी की मृत्यु पहले ही हो चुकी है.सेनगुप्ता ने बीमार केंद्रीय उपक्रमों के पुनरद्धार में प्रमुख भूमिका निभाई. उन्होंने जिन 44 केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के पुनरद्धार की मंजूरी दी थी उनमें से 24 कंपनियों 2011-12 में मुनाफा दर्ज किया.