नयी दिल्ली: चारा घोटाला मामले में दोषी करार दिए गए सांसदों लालू प्रसाद यादव और जगदीश शर्मा के मामले से निपटने के लिए क्या रास्ता अपनाया जाए, इसके लिए संसद के दोनों सदन कानून मंत्रालय के सलाह का इंतजार कर रहे हैं.
अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती ने स्पष्ट किया है कि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, दोषी करार दिए गए सांसद और विधायक तुरंत अयोग्य हो जाएंगे लेकिन इससे संबंधित प्रक्रिया पर वह चुप रहे.दोषी करार दिए गए सांसदों को अयोग्य करार दिए जाने की प्रक्रिया के संबंध में लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों ने कानून मंत्रालय से सलाह मांगी है.
सूत्रों ने बताया कि इस मुद्दे पर कानून मंत्रालय का विचार अभी तक हमें नहीं मिला है.उच्चतम न्यायालय ने 10 जुलाई को अपने फैसले में दोषी करार दिए गए सांसदों और विधायकों को उच्च अदालतों में अपील लंबित होने के आधार पर बचाने वाले चुनावी कानून के प्रावधान को खारिज कर दिया था.