पुड्डुचेरी: विवादास्पद भूमि विधेयक को लेकर चल रहे विवाद के बीच भाकपा ने आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अपील की कि यदि भाजपा चौथी बार भूमि अध्यादेश लाने का प्रयास करती है तो वह कानूनी ऐतराज जताएं और अध्यायदेश पर हस्ताक्षर नहीं करें.
सरकार ने अबतक कहा है कि अध्यादेश की बार बार उद्घोषणा विधेयक की निरंतरता और उन लोगों को मुआवजा प्रदान करने के वास्ते ढांचा उपलब्ध कराने के लिए जरुरी है जिनकी जमीन अधिग्रहीत की जाती है. जब अध्यादेश 31 मई को तीसरी बार लाया गया था तब कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी सरकार पर कडा प्रहार किया था. कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नया अध्यादेश लाए जाने का विरोध कर रही है.
भाकपा सचिव के नारायण ने कहा कि यदि सरकार फिर अध्यादेश लाने का प्रयास करती है तो राष्ट्रपति को उस पर कानूनी आपत्ति करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘. भूमि विधेयक कोरपोरेट को मूल्य चुकाने का स्पष्ट कदम है और इससे गरीब किसान प्रभावित होंगे. ’’उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी नरेंद्र मोदी सरकार के किसान एवं श्रम विरोधी उपायों की निंदा करने के लिए दो सितंबर को ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन द्वारा आहूत आम हडताल का समर्थन करती है.
नारायण ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग की.