नयी दिल्ली : पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव कराने की ममता बनर्जी सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आज कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने वह जनाधार खो दिया है, जो उसके पास वर्ष 2011 में था.
पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सूर्याकांत मिश्र ने कहा, ‘‘अब जब राज्य पंचायत और कानून मंत्री ने कह दिया है कि राज्य सरकार उच्च न्यायलय के फैसले को खंडपीठ में चुनौती देगी और अगर वहां भी फैसला उनके खिलाफ गया तो वह उच्चतम न्यायालय में अपील करेगी. इन सारी चीजों से साबित होता है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में पंचायत चुनाव नहीं कराना चाहती है.’’
पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में शामिल होने दिल्ली आए माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य मिश्र ने पीटीआई से कहा, ‘‘पंचायत चुनाव कराने की राज्य सरकार की मंशा को लेकर हम शुरु से ही आशंकित थे. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव के मत प्रतिशत से साफ पता चलता है कि तृणमूल ने अगर कांग्रेस के समर्थन के बिना यह चुनाव लड़ा, तो वाम मोर्चा उनसे काफी आगे निकल जाएगा. तृणमूल कांग्रेस के पास आज वह जनाधार नहीं रहा, जो उसके पास वर्ष 2011 में था.’’
उन्होंने कहा कि जहां मुख्यमंत्री राज्य में सही समय पर पंचायत चुनाव कराने की बात कर रही हैं, वहीं उनके खुद के मंत्री इससे विपरीत विचार वयक्त कर रहे हैं. पहले दिन से ही यह सरकार अंतर्विरोधों से जूझ रही है. गौरतलब है कि इस वर्ष जून में यहां पंचायत चुनाव होने हैं.