नयी दिल्ली: उद्योग मंडल एसोचैम ने नरेंद्र मोदी सरकार को उसके पहले साल के प्रदर्शन के लिए 10 में से सात नंबर दिए हैं. उद्योग मंडल का कहना है कि कर मुद्दों को सुलझाने का काम अभी भी कुछ बाकी रह गया है जबकि कारोबार में सुगमता को लेकर काफी कुछ किए जाने की जरुरत है.
एसोचैम ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान मुद्रास्फीति में कमी, मुद्रा में स्थिरता व आकर्षक वित्तीय बाजारों की वजह से देश की वृहद आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. चैंबर ने कहा, हालांकि, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार को कराधान के मुद्दों पर अभी कुछ दूरी तय करनी है. विशेषरुप से पिछली तारीख से देनदारियों को लेकर विदेशी संस्थागत निवेशकों :एफआईआई: के समक्ष आ रही समस्याओं और बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बडी परियोजनाओं को आगे बढाने में आ रही परेशानियों को दूर किए जाने की जरुरत है.
इसके अलावा कारोबार में सुगमता के मोर्चे पर भी काफी कुछ करने की जरुरत है. एसोचैम ने कहा कि उद्योग व टिप्पणीकारों को समझना चाहिए कि दुनिया से जुडी 2,000 अरब डालर की अर्थव्यवस्था सिर्फ सरकार बदलने से उंची वृद्धि की राह पर नहीं जा सकती.
उद्योग मंडल ने कहा कि सरकार कितनी भी ईमानदार हो, नीति में बदलाव, विधायी बदलाव व निवेश बढाने व उपभोक्ता मांग बढाने के लिए कम से कम 24 से 30 महीने के समय की जरुरत होगी. एसोचैम ने कहा कि बहुत कुछ वैश्विक बाजारों पर निर्भर करेगा जो अभी काफी सुस्त है. चैंबर ने कहा कि सरकार ने अच्छी शुरआत की है. हालांकि उसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) जैसे मुद्दों पर तेजी से आगे बढने की जरुरत है जिससे भरोसे का नया संकेत दिया जा सके.