नयी दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज नई यूरिया नीति को मंजूरी दी जिसमें चार साल में देश को इस रासायनिक उर्वरक के उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाना और किसानों को समय पर उर्वरक की पूरी आपूर्ति की व्यवस्था करना है.
भारत सालाना करीब 2.2 करोड टन यूरिया का उत्पादन करता है पर इसकी घरेलू मांग पूरी करने के लिए करीब 80 लाख टन यूरिया आयात करनी पडती है.
बैठक के बाद पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के महानिदेशक फ्रांक नोरोन्हा ने ट्विटर पर कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने अगले चार साल के लिए नई यूरिया नीति को मंजूरी दे दी है जिसका लक्ष्य है समय पर किसानों को यूरिया की आपूर्ति करना और सब्सिडी के बोझ को तर्कसंगत बनाना.’’
उन्होंने ट्विट में कहा कि नई यूरिया नीति 2015 के दो उद्देश्य – यूरिया उत्पादन बढाना और यूरिया इकाइयों में उर्जा बचत को प्रोत्साहित करना – हैं. सूत्रों ने कहा कि स्वीकृति नीति में संयंत्रों को उर्जा के लिहाज से दक्ष बनाने और गैस-पूलिंग के जरिए यूरिया उत्पादन बढाने के उपायों की रुप-रेखा है.
नोरान्हा ने यह भी कहा कि मंत्रिमंडल ने 2015-16 के लिए फास्फेट और पोटाश आधारित उर्वरकों की स्थिर सब्सिडी दरों को भी मंजूरी दी.उन्होंने कहा ‘‘इससे कंपनियों को नकदी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी.’’