नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि शिक्षक भर्ती घोटाला कांड में दोषी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की जगह जेल में है और वह अस्पताल का आतिथ्य नहीं भोग सकते हैं. न्यायालय ने चौटाला की स्वास्थ्य के आधार पर अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने से इंकार करते हुये ये टिप्पणी की.
शीर्ष अदालत ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के अवलोकन के बाद कहा कि जैसे ही किसी बड़े व्यक्ति को सजा मिलती है वे जेल की बजाय अधिकांश समय अस्पताल में बिताते हैं लेकिन जब वे सत्ता की कुर्सी पर बैठे होते तो कभी नहीं कहते कि गंभीर बीमारी के कारण उन्हें सत्ता नहीं चाहिए. मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया था कि अस्पताल में अब उनकी जरुरत नहीं है.
न्यायमूर्ति एच एल दत्तू और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की खंडपीठ ने ओम प्रकाश चौटाला को 17 सितंबर की बजाय 23 सितंबर तक हर कीमत पर जेल अधिकारियों के समक्ष समर्पण करने का निर्देश दिया. न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘आज आप पूरी तरह ठीक हैं और आपकी जगह एक विशेष स्थान पर है. आप वहीं रहकर आराम करें. आप जाइये और वहीं चिकित्सा उपचार लीजिये.’’ चौटाला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता यू यू ललित ने कहा कि उनके मुवक्क्लि की सेहत को ध्यान में रखा जाना चाहिए.
इस पर न्यायाधीशों ने कहा, ‘‘शुरु से ही आप अस्पताल के आतिथ्य का लाभ उठा रहे हैं. आखिरकार आपको दोषी ठहराने वाला आदेश है. हमारे लिये हैसियत का कोई मतलब नहीं है. वह दोषी हैं जो अंतरिम जमानत पर हैं. प्रतिष्ठित अस्पताल का मेडिकल बोर्ड कहता है कि अस्पताल में अब उनकी जरुरत नहीं है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट पर विचार करते हुये ही अंतरिम जमानत की अवधि नहीं बढ़ायी है.’’