नयी दिल्ली :16वीं लोकसभा में पहली बार बोलते हुए राहुल गांधी ने किसानों की दशा पर कहा कि देश के विकास का आधार किसानों ने ही रखा है. चाहे वो आईटी हो या रक्षा क्षेत्र या अन्य दूसरे क्षेत्र. देश के विकास की बुनियाद की नींव किसानों के द्वारा ही रखी गयी है.
राहुल ने कहा कि इस देश में हरित क्रांति भी किसानों की देन थी और हमारी (कांग्रेस) पूर्ववर्ती सरकारों ने किसानों के अनाज की खरीद के लिए एमएसपी यानि न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किये थे जिसकी वजह से किसानों को फायदा हो रहा था. लेकिन "अच्छे दिन" वाली इस वर्तमान एनडीए सरकार ने कृषि कर्ज, एमएसपी के मुद्दे पर देश को फेल किया है.
राहुल ने कहा कि हमारी पिछली यूपीए सरकार के शासन के दौरान किसानों के कर्ज में 700% की बढ़त की गयी थी जिसकी वजह से इस देश के 6.5 करोड़ किसानों को फायदा हुआ था. जबकि इसके मुकाबले एनडीए की सरकार के दौरान महज 5 % की ही बढ़त हुई है और इसके अलावा किसानों की एमएसपी जस की तस है.
राहुल ने कहा कि हमारे समय में गेहूं का खरीद मूल्य 640 से बढाकर 1400 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था, उसी तरह चावल की कीमत 560 रुपये से बढाकर 1310 रुपये प्रति क्विंटल किया गया था जबकि नरेंद्र मोदी जी की सरकार में इन सबमें महज 10 से 50 रुपये की ही बढ़ोतरी की गयी है.
यूपीए की सरकार के समय जहां कृषि विकास की दर 4.8% थी वहीं अटल जी के समय की एनडीए सरकार में यह महज 2.6% थी. जबकि इस सरकार में इसमें सिर्फ एक फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
राहुल ने इसको लेकर सरकार से सवाल किया कि आखिर जब देश के किसान इतनी तकलीफ में हैं तो भला इस देश का विकास कैसे होगा ! सरकार के मंत्रियों के बारे में बोलते हुए राहुल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तारीफ भी की.
राहुल ने कहा कि इस सरकार में सिर्फ नितिन गडकरी ही ऐसे नेता हैं जो सच बोलते हैं और दिल की बात कहते हैं. गडकरी के बहाने सरकार को निशाने पर लेते हुए राहुल ने कटाक्ष किया कि गडकरी जी ने एक सभा में किसानों से कहा था कि इस देश के किसान को न भगवान पर और ना ही सरकार पर भरोसा करना चाहिए. गडकरी ने जो कहा है वही इस सरकार के ‘मन की बात’ है.
राहुल ने मोदी सरकार पर हमला करते हुए आगे कहा कि बीजेपी का तरीका यही रहा है कि वह सदन में कुछ कहती है, बाहर जनता के बीच कुछ और कहती है और फिर कहती है कि दोनों का मतलब एक ही है. गेहूं मंडियों में पड़ा हुआ है लेकिन सरकार इसे उठा नहीं रही है. किसान जब फर्टिलाइजर मांगने जाते हैं तो सरकार उन्हें डंडे मारकर भगा देती है. मोदी सरकार किसानों की नहीं बल्कि उद्योगपतियों और बड़े लोगों की सरकार है.
उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि यह एक सूट-बूट की सरकार है और इसे हम भी जानते हैं और आप भी जानते हैं. फिर उन्होंने कहा कि चलिए, सूट की तो नीलामी हो गयी, इसलिए हम अब इसपर कुछ और नहीं कहेंगे. राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री को आपके पीएम कहे जाने पर भाजपा के सदस्यों द्वारा की गयी आपत्ति पर राहुल ने पलटवार करते हुए पूछा कि ठीक है कि नरेन्द्र मोदी इस देश के पीएम हैं लेकिन क्या वह आपके पीएम भी हैं या नहीं !
राहुल ने आगे आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इस देश की 60 प्रतिशत जनता खेती पर आश्रित है और यह सरकार साठ प्रतिशत जनता को नाराज कर रही है. उन्होंने प्रधानमंत्री को सुझाव देते हुए कहा कि मोदी सरकार के लिए यह अच्छा होगा कि वो अपना साइड बदल ले. अगर वह 60 प्रतिशत किसानों और मजदूरों के पक्ष में आती है तो उसको बड़ा फायदा होगा.
आज पूर्वाहन से पूर्वलोकसभा में केंद्रीय राज्य मंत्री गिरिराज सिंह के बयान पर जमकर हंगामा हुआ जिसके बाद स्पीकर को सदन की कार्यवाही 11:45 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी. सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन में विपक्ष के नेता मलिकार्जुन खड़गे ने भाजपा नेताओं और मंत्रियों के आपत्तिजनक बयान देने का मुद्दा उठाया जिसके बाद कांग्रेस सांसद ज्योर्तिदित्य सिंघिया ने इसपर प्रधानमंत्री के बयान की मांग की हालांकि सदन की कार्यवाही पुन: शुरू होने के बाद गिरिराज सिंह ने अपने बयान पर खेद प्रकट किया.
Delhi: Congress Vice President Rahul Gandhi reaches Parliament pic.twitter.com/xJElPqHZNg
— ANI (@ANI) April 20, 2015
कांग्रेस नेता ज्योर्तिदित्य सिंघिया ने शिवसेना नेता संजय राउत और भाजपा सांसद और मंत्री गिरिराज सिंह के बयान सवाल खडे करते हुए कहा कि मंत्रियों और नेताओं की ऐसी टिप्पणी अशोभनीय है. इसपर पीएम को जवाब देना चाहिए. हंगामें के बीच आज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी सदन पहुंचे.
आपको बता दें कि गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर अशोभनीय टिप्पणी की थी जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ था. बाद में गिरिराज सिंह को अपने इस बयान पर सफाई देनी पड़ी थी. वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने भी मुस्लिमों का मताधिकार छिनने संबंधी टिप्पणी की थी. कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा में खड़े होकर और नारे लगाकर दोनों नेताओं के बयान पर विरोध प्रकट किया और इनके इस्तीफे की मांग की.
आज सुबह बजट सत्र के दूसरे चरण के बेहतर होने की उम्मीद जताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि आज से बजट का दूसरा सत्र शुरू हो रहा है. मुझे उम्मीद है यह बेहतर होगा. प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन पहुंचने के बाद कहा कि संसद का पहला सत्र सफल रहा था जिसमें सभी दल का सहयोग हमें प्राप्त हुआ था. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि दूसरा सत्र भी सभी दलों के सहयोग से अच्छे तरीके से चल पायेगा. संसद में सार्थक चर्चा की उम्मीद है. संसद में रचनात्मक काम होगा. हमें सबके सहयोग की जरूरत है.
Parliament session begins today. I look forward to a productive session, filled with constructive debates on several issues.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 20, 2015
बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यसूची के अनुसार, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री राजीव प्रताप रुडी भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार (संशोधन) अध्यादेश की एक प्रति सदन के पटल पर रखेंगे. इस अध्यादेश को राष्ट्रपति ने तीन अप्रैल को संविधान के अनुच्छेद 123 (2)(ए) के तहत जारी किया था. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ‘यमन गणराज्य में हाल में हुए घटनाक्रमों और वहां से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए किये गये प्रयासों’ के बारे में एक बयान भी देंगी.
बजट सत्र आठ मई को समाप्त होगा. राज्यसभा का एक नया सत्र 23 अप्रैल से शुरू होगा, जो 13 मई तक चलेगा. बजट सत्र की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जतायी है कि यह ‘परिणामों’ से परिपूर्ण होगा. उन्होंने साथ ही कहा कि उनकी सरकार आने के बाद संसद की उत्पादकता ‘125 प्रतिशत पर पहुंच गयी है.’ संसदीय मामलों के मंत्री वेंकैया नायडू ने भाजपा सांसदों से कहा कि वे पूरे सत्र के दौरान सदन में मौजूद रहें.