ईटानगर-नयी दिल्ली: चीनी सैनिकों ने हाल ही में जिस तरह लद्दाख में घुसपैठ कर भारतीय सेना से टकराव की स्थिति पैदा की थी, उसी तरह खबरों के मुताबिक चीन के जवान पिछले हफ्ते अरुणाचल प्रदेश के चगलागाम इलाके में भारतीय क्षेत्र में 20 किलोमीटर से भी ज्यादा अंदर तक घुस आए थे और करीब चार दिन तक वहां रहे.
रक्षा सूत्रों ने आज यहां बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी :पीएलए: की टुकड़ी खबरों के मुताबिक 11 अगस्त को भारतीय क्षेत्र में घुस आई थी और वहां ठहरी.सूत्रों के मुताबिक घुसपैठ का पता 13 अगस्त को चला और भारतीय सैनिकों ने चीनी जवानों को वापस जाने को कहा. दोनों पक्षों ने एक दूसरे को इलाका छोड़ने के लिए बैनर दिखाए थे. सूत्रों के मुताबिक चीनी सैनिक 15 अगस्त को लौट गये.
ईटानगर में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक 15 मिनट की बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग के बाद वापस चले गये. सूत्रों ने कहा, वे आये थे और चले गये. भारतीय जवान अब मौके पर अच्छी खासी संख्या में मौजूद हैं. चगलागाम इलाके को यहां वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की आकृति के कारण फिश टेल के नाम से भी जाना जाता है. इस इलाके में पहले भी चीनी सैनिकों ने लगातार घुसपैठ की है लेकिन वे हमेशा तत्काल वापस चले गये.
चीन पूरे अरणाचल प्रदेश पर अपना दावा करता है जिसे भारत ने खारिज कर दिया है. बहरहाल, दिल्ली में सेना मुख्यालय और विदेश मंत्रालय दोनों ने घटना को अधिक महत्व नहीं दिया.दिल्ली में विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता सैयद अकबरद्दीन ने संवाददाताओं से कहा कि हम कूटनीतिक प्रक्रियाओं में इस तरह की मामूली चीजों :नॉन-ईवेंट्स: को तवज्जो नहीं देते. क्या हुआ या क्या नहीं हुआ, इसका जवाब हमारी सीमाओं पर मौजूद पहरेदारों को देना है. उन्हें इस बारे में वास्तविक स्थिति पता है और मेरा मानना है कि उन्होंने इसका जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि सेना ने इस बारे में खंडन दे दिया है और हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहते. उनसे पूछा गया था कि क्या भारत ने अरणाचल प्रदेश में घुसपैठ के मुद्दे को चीन के साथ उठाया है.