नयी दिल्लीः कोयला घोटाले को लेकर यूपीए सरकार पहले से ही कटघरे में खड़ी थी, ऐसे में सरकार पर एक और बदनुमा दाग लगा है. घोटाले पर बनाई गई सर्च कमेटी की मीटिंग में खुलासा हुआ है कि कोयला घोटाले की कई अहम फाइलें गायब हैं. इनमें 45 कोल ब्लॉक आवंटन की फाइलें भी शामिल हैं.फाइलों के गायब होने पर बीजेपी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की नीयत साफ नहीं है. फाइलों में पीएम का नाम मौजूद है इसलिए फाइलें गायब कर दी है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता और हजारीबाग सांसद यशवंत सिन्हा ने कहा कि हम कोलगेट में फाइलें गुम होने का मुद्दा बर्दाश्त नहीं करेंगे. मैं सदन में यह मुद्दा फिर उठाऊंगा. उन्होंने कहा कि कोयला घोटाले की जांच करने वाली सीबीआई को इस मामले की जांच करनी चाहिए.
1993 से 2005 के बीच आवंटित किए गए कोल ब्लॉक की फाइलें नहीं मिल रही हैं. इसके अलावा कांग्रेस सांसद विजय दर्डा के सिफारिश के दस्तावेज भी गायब हैं. दर्डा ने बांदेर कोल ब्लॉक के लिए सिफारिश की थी, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय से फॉरवर्ड किया गया था. लेकिन अब वो दस्तावेज कोयला मंत्रालय से गायब हो चुका है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने सर्च कमेटी का गठन किया था, लेकिन सर्च कमेटी को कई अहम फाइलों का पता नहीं चल सका है. बताया जा रहा है कि कोयला खदान हासिल करने के लिए जिन 157 निजी कंपनियों ने आवेदन किया था उनके रिकॉर्ड भी गायब हो चुके हैं. इतना ही नहीं खुलासा ये भी हुआ है कि स्क्रीनिंग कमेटी की मीटिंग के मिनट्स भी गायब हो चुके हैं.