नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर छह अगस्त को भारतीय सैनिकों पर हुए हमले के बारे में रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने आज संसद में कहा, अब यह स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे.
रक्षा मंत्री ने घटनास्थल का दौरा करके लौटे सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह से इस मामले में मिले ब्यौरे के बाद लोकसभा और राज्यसभा में आज दिए गए बयान में कहा, अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना के विशेष सैन्य दल इस हमले में शामिल थे.
हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन , सहायता और सुविधा मुहैया कराये बिना तथा प्राय: उनकी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना पाकिस्तान की ओर से कुछ भी नहीं होता है.
उल्लेखनीय है कि एंटनी ने छह अगस्त को संसद के दोनों सदनों में इस घटना के बारे में बयान दिया था जिसमें कहा गया था कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकवादी जिसमें से कुछ पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहने हुए थे , उन्होंने हमला किया.
उनके उस बयान पर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि ऐसा कहकर रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को इस घटना के मामले में बचाव का रास्ता दे दिया है.
रक्षा मंत्री ने कहा था कि उन्होंने उस समय तक प्राप्त जानकारी के आधार पर अपना बयान दिया था और घटनास्थल पर गये सेना प्रमुख से नयी जानकारियां प्राप्त करने के बाद वह उसके आधार पर एक और बयान देंगे.
आज के बयान में रक्षा मंत्री ने कहा, स्वाभाविक रूप से इस घटना से नियंत्रण रेखा पर हमारे व्यवहार और पाकिस्तान के साथ हमारे संबंधों पर प्रभाव पड़ेगाउन्होंने कहा, हमारे संयम को हल्के ढंग से नहीं लिया जाये और न ही सशस्त्र सेनाओं की क्षमता और नियंत्रण रेखा की गरिमा बनाये रखने के सरकार के संकल्प पर कभी संदेह किया जाना चाहिए.
रक्षा मंत्री ने कहा, इस त्रासदी और इससे पहले इस वर्ष के आरंभ में दो सैनिकों की निर्मम हत्या के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान में बैठे लोगों को सजा मिलनी ही चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवादी नेटवर्क, संगठनों और ढांचे को ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्धता से कार्रवाई करनी चाहिए और नवंबर 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को शीघ्र सजा दिलाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए.
छह अगस्त को पांच भारतीय सैनिकों की हत्या किए जाने की घटना के बारे में उन्होंने कहा, पाक अधिकृत कश्मीर से एक ग्रुप ने नियंत्रण रेखा पार की और हमारे बहादुर जवानों की हत्या कर दी . नियंत्रण रेखा पर हमारी सीमा के भीतर एक भारतीय गश्ती दल पर निर्मम तथा बिना उकसावे के किए गए हमले से हम सभी आहत हैं.
अपने पिछले बयान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, जब मैंने इस घटना के बारे में सदन को सूचित किया था तो सरकार का यह दायित्व था कि उस समय तक प्राप्त तथ्यों को सदन के सामने रखें और मेरा वक्तव्य ( उस समय तक ) उपलब्ध सूचना पर आधारित था. विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मंत्री के बयान का स्वागत किया और उस पर संतोष जताया लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किए जाने की मांग की कि भविष्य में इस प्रकार की गलती नहीं हो.
सुषमा ने कहा, जिन्हें लग रहा था, हम राजनीति कर रहे हैं, मैं उन्हें बता देना चाहती हूं कि हम राजनीति नहीं कर रहे थे. जो गलती रक्षा मंत्री से हुई थी, हम उसे सुधरवाने में लगे थे. हमें खुशी है कि रक्षा मंत्री ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है. उन्होंने कहा कि विपक्ष रक्षा मंत्री के बयान का पूरा समर्थन करता है और पाकिस्तान को यह संदेश देना चाहता है कि वह ऐसा खिलवाड़ नहीं कर सकता.
राजद के प्रभुनाथ सिंह, शिवसेना के अनंत गीते तथा कई अन्य सदस्य इस मुद्दे पर अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन अध्यक्ष मीरा कुमार ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि लोकसभा के नियम मंत्री के बयान के बाद उस पर स्पष्टीकरण की अनुमति नहीं देते.
उन्होंने हालांकि कहा कि यदि सदस्य चाहें तो इस विषय पर चर्चा का नोटिस दे सकते हैं और तब चर्चा करायी जा सकती है. उधर, राज्यसभा में हंगामे के कारण रक्षा मंत्री अपना बयान पढ़ नहीं पाए और उन्होंने उसे सदन के पटल पर रख दिया.