नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने आज दावा किया कि तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा को छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को गिराये जाने की योजना की जानकारी थी और उन्होंने इसकी जानकारी उन्हें तब दी थी जब वह अपने पार्टी के सदस्यों के साथ इस कृत्य को रोकने के लिए उनसे हस्तक्षेप करने की मांग करने गए थे.
यादव ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘4 दिसंबर 1992 को इस स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक बैठक हुई थी जब भाजपा और उसके समर्थकों ने अयोध्या में मस्जिद को गिराने का फैसला किया था. राष्ट्रपति से मिलने और उनसे हस्तक्षेप की मांग करने का फैसला किया गया. शंकर दयाल शर्मा उस समय राष्ट्रपति थे.
हमने उन्हें एक पत्र दिया. हमने उनसे कहा कि मस्जिद को गिराया जाएगा. शंकर दयाल शर्मा ने पत्र पढ़ा और हमसे चर्चा की. उन्होंने इधर-उधर देखा और तब उन्होंने हमसे कहा कि उम्मीद है कि आप किसी से नहीं कहेंगे. उसके बाद उन्होंने कहा कि मस्जिद निश्चित तौर पर गिराई जाएगी. शंकर दयाल शर्मा ने यह कहा.’’यादव ने कहा कि उन्होंने उस वक्त सरकार से काफी बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन किसी ने नहीं सुना और 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद गिरा दी गई.
सपा नेता ने कहा कि कुछ पन्ने लिखने के बाद उन्हें इस मुद्दे पर पुस्तक लिखने से रोका गया. उन्होंने कहा, ‘‘मुङो रोका गया. मुझसे कहा गया कि कई नेताओं का पर्दाफाश हो जाएगा.’’