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हरीश रावत ने विजय बहुगुणा के नहले पर मारा दहला, पत्र लिख कहा सलाह दीजिए, कॉपी प्रभारी को भेजा

देहरादून : उत्तराखंड के सितारगंज क्षेत्र में भूमि के विनियमितीकरण के बहाने फिर सतह पर आयी कांग्रेस की अंदरुनी कलह के बीच, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि इस अतिसंवेदशनशील मुद्दे के स्थायी समाधान का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की अगली बैठक में लाया जाएगा. भूमि के विनियमितिकरण का यह मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने उठाया […]

देहरादून : उत्तराखंड के सितारगंज क्षेत्र में भूमि के विनियमितीकरण के बहाने फिर सतह पर आयी कांग्रेस की अंदरुनी कलह के बीच, मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि इस अतिसंवेदशनशील मुद्दे के स्थायी समाधान का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की अगली बैठक में लाया जाएगा. भूमि के विनियमितिकरण का यह मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री बहुगुणा ने उठाया था. उन्हें लिखे एक पत्र में मुख्यमंत्री रावत ने कहा है कि इस मुद्दे के संबंध में उनके द्वारा उठाये गये बिंदुओं पर उनकी भावनाओं की कद्र करते हुए मुद्दे के स्थायी समाधान का प्रयास किया जा रहा है.

बहुगुणा द्वारा इस संबंध में लिखे गये पत्र का जवाब पत्र से देते हुए रावत ने बताया कि वर्ग चार की भूमि के स्थायी समाधान का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की अगली बैठक में लाया जा रहा है. इस संबंध में, रावत ने इस बात का भी जिक्र किया है कि अगर किसी अपरिहार्य कारणवश 31 जनवरी की मंत्रिमंडल की बैठक स्थगित नहीं हुई होती, तो संभवत: इस विषय पर निर्णय लिया जा चुका होता. रावत ने कहा कि पिछली सरकारों ने इस बारे में कई बार निर्णय किया लेकिन निर्धारित प्रक्रिया को जनस्वीकार्यता नहीं मिल पाने से इस मसले पर उल्लेखनीय प्रगति नहीं हो पायी.
बहुगुणा द्वारा श्रेणी-एक ख की भूमि के विनियमितीकरण के मसले पर मुख्यमंत्री ने हालांकि कहा कि यह मुद्दा अतिगंभीर और संवेदनशील है तथा राज्य की आर्थिक, सामाजिक एवं कानून-व्यवस्था से भी जुड़ा हुआ है और इसके लिये नीति बनाने में समय लगेगा. लेकिन, रावत ने कहा, राज्य की ओर से मेरा यह प्रयास रहेगा कि इस अतिसंवेदनशील विषय पर व्यापक विचार-विमर्श के उपरांत संबंधित पक्षों तथा राज्य के हित में उचित विधिक निर्णय यथाशीघ्र लिया जा सके. पत्र के अंत में रावत ने बहुगुणा से उनके महत्वपूर्ण सहयोग और मार्गदर्शन की भी अपेक्षा की है.
मुख्यमंत्री ने बहुगुणा को लिखे इस पत्र की प्रति उत्तराखंड में कांग्रेस मामलों की प्रभारी महासचिव अंबिका सोनी तथा सहप्रभारी संजय कपूर को भी भेजी है. गौरतलब है कि गत 29 जनवरी को बहुगुणा ने रावत को एक पत्र लिखकर अपने विधानसभा क्षेत्र में भूमि संबंधी समस्याओं के हल के लिये अपने कार्यकाल में हुए फैसलों को लागू न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ 15 फरवरी को रैली करने की धमकी दी है. पने पत्र में बहुगुणा ने सितारगंज में पिछले एक साल से लटके पड.े वर्ग-चार और श्रेणी-एक :ख: ं के तहत भूमि के विनियमितीकरण का मुददा उठाते हुए कहा, ्रमेरे कार्यकाल के दौरान श्रेणी चार और श्रेणी एक :ख: के अन्तर्गत भूमि के विनियमितीकरण का निर्णय किया गया था. मुङो यह भी पता चला है कि इस प्रक्रिया को लागू करने के लिये जरुरी नियमावली भी तैयार की जा चुकी है और इस मामले में अब केवल राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी लेनी ही बाकी है.
पूर्व में कई बार ध्यान दिलाये जाने के बावजूद इन मामलों पर अब तक कोई कार्रवाई न होने के लिये रावत को दोषी ठहराते हुए बहुगुणा ने कहा कि अगर इन मुददों का जल्द कोई हल नहीं निकलता, तो वह आगामी 15 फरवरी को उधमसिंह नगर जिले में एक जनाक्रोश रैली करने के लिये बाध्य हो जायेंगे. उत्तराखंड की राजनीति में बहुगुणा और रावत को एक दूसरे का चिर प्रतिद्वंदी माना जाता है. बहुगुणा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ही रावत ने पिछले साल एक फरवरी को प्रदेश की कमान संभाली थी.

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