अमेठी : केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रुप में ‘अस्वीकार्य’ बताने वाले अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन से यह सम्मान वापस लेने की भाजपा की मांग को अनुचित बताते हुए कहा कि सेन ने जो कहा वह ठीक ही होगा.शिंदे ने यहां त्रिशुंडी में सीआरपीएफ नव आरक्षी प्रशिक्षण केंद्र के शिलान्यास अवसर से इतर संवाददाताओं से बातचीत में एक सवाल पर कहा, ‘‘अमर्त्य सेन ने मोदी को अस्वीकार्य बताया है. भाजपा उनके भारत रत्न सम्मान को वापस लेने की मांग कर रही है. यह गलत है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘सेन देश के बहुत बड़े अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने जो भी कहा है वह ठीक ही कहा होगा. यह उनकी राय है. भाजपा को उन्हें दिया गया भारत रत्न वापस लेने की मांग नहीं करनी चाहिये थी.’’ गौरतलब है कि अमर्त्य सेन ने पिछले दिनों एक चैनल को दिये साक्षात्कार में मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिये ‘अस्वीकार्य’ बताते हुए कहा था कि धर्मनिरपेक्षता के लिहाज से इस भाजपा नेता की कोई साख नहीं है.
इस पर भाजपा के राज्यसभा सदस्य चंदन मित्र ने सेन की आलोचना करते हुए उनसे भारत रत्न वापस लेने की मांग की थी. शिंदे ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिये गये फैसले के बाद अब सेना के अधिकारियों की तरह अर्धसैनिक बलों के अफसर भी अपने नाम के आगे ‘एक्स’ (पूर्व) सीआरपीएफ या अन्य बलों में अपने ओहदे का नाम लगा सकेंगे. उन्होंने बतया कि त्रिशुंडी स्थित यह केंद्र प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र है, जहां सीधे भर्ती होगी. अधिकारियों को इसमें स्थानीय लोगों को ज्यादा से ज्यादा भागीदारी देने को कहा गया है.
उन्होंने इस मौके पर पंजाब के एक विधायक तथा पूर्व खालिस्तानी का जिक्र करते हुए कहा कि वह व्यक्ति पंजाब में सीआरपीएफ की मौजूदगी के कारण उत्पन्न शांति के बीच तैयार हुए राजनीतिक तंत्र में शामिल हुआ और कांग्रेस-अकाली ने उसे विकास की मुख्यधारा में लाने का मौका दिया, जिससे उसका गुस्सा खत्म हुआ. राहुल ने कहा, ‘‘हिन्दुस्तान एक सोच है. इसको जवान आप बनाते हैं. इसे सबको शामिल करके बनाना है.’’ पंजाब के विधायक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में बहुत गुस्सा है, इसे कम करना है. जैसे उस विधायक के गुस्से को सीआरपीएफ ने खत्म किया था.
राहुल ने कहा कि पंजाब को अपने पैरों पर खड़ा करने में सीआरपीएफ की महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि केवल 30-40 प्रतिशत सीआरपीएफ कर्मियों को आवासीय सुविधा मिलती है. वे कहते हैं कि उन्हें लड़ने से नहीं बल्कि परिवार की मुश्किलों से डर लगता है. इस बल के जवान आतंकवादियों और परिवार दोनों ही मोर्चो पर लड़ रहे हैं.उन्होंने कहा, ‘‘मैं शिंदे जी से कहना चाहता हूं कि हम इनके परिवारों के लिये जो कर सकते हैं, वह करें.’’इस मौके पर छह अप्रैल 2010 को छत्तीसगढ़ में नक्सलवादियों के हमले में शहीद हुए 62 बटालियन के सीआरपीएफ के जवानों राजीव कुमार यादव की पत्नी कंचन को तथा विनोद कुमार यादव की पत्नी सावित्री देवी को सम्मानित किया गया.