नयी दिल्ली: कोयला खदान पर गठित अंतर–मंत्रलयी समूह ने नवभारत पावर, अभिजीत समूह की जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर तथा जेएलडी यवतमाल जैसी कंपनियों को आवंटित 10 कोयला खदानों की प्रगति की समीक्षा की. बैठक बेनतीजा रही. ये वे कंपनियां हैं जो कोयला खदान आवंटन घोटाला मामले में सीबीआई की जांच के घेरे में हैं.
मामले से जुड़े एक सूत्र ने कहा, अंतर–मंत्रालयी समूह :आईएमजी: ने सीबीआई की जांच के घेरे में आये करीब 10 कोयला खदानों की प्रगति की समीक्षा की. हालांकि बैठक बेनतीजा रही. सूत्र के अनुसार आईएमजी की खदानों पर विचार के लिये जल्दी ही बैठक हो सकती है. जिन कोयला खदानों की आज समीक्षा की गयी उसमें रंपिया डिप आफ रंपिया शामिल हैं.
रंपिया और डिप आफ रंपिया कोयला खदानें नवभारत पावर, स्टरलाइट एनर्जी, आर्सेलरमित्तल, जीएमआर एनर्जी, रिलायंस एनर्जी तथा लैंकों समूह को 2008 में संयुक्त रुप से आवंटित की गई थीं.
इसके अलावा समिति ने जेएलडी यवतमाल, एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लि. तथा जेएएस इंफ्रास्ट्रक्चर समेत अन्य कंपनियों को आवंटित कोयला खदानों की भी समीक्षा की. सीबीआई 1993 से 2011 के बीच 192 कोयला खदानों के आवंटन में कथित अनियमितता की जांच कर रही है.