नयी दिल्लीः कोयला ब्लाक आवंटन मामले पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे , साल 1984 के सिखे विरोधी दंगे की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी से जांच कराने की मांग को लेकर भाजपा, अकाली दल एवं अन्य विपक्षी पार्टियों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण आज लोकसभा की कार्यवाही शुरु होने के कुछ ही देर बार दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई. उसके बाद फिर कार्यवाही शुरु होते ही हंगामा होने लगा. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी.
सुबह सदन की कार्रवाई शुरु होते ही भाजपा सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन मुद्दे पर नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए. भाजपा सदस्य इस विषय पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
भाजपा सदस्य ‘प्रधानमंत्री इस्तीफा दो’ के नारे लगा रहे थे. अकाली दल के सदस्य साल 1984 के सिख विरोधी दंगे की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एसआईटी से जांच कराने की मांग को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप आ कर नारेबाजी करने लगे. वे तख्तियां लिए हुए थे जिन पर दंगे की एसआईटी जांच कराने की मांग की गई थी.
बीजद सदस्य भी अपने स्थानों खड़े थे. वे सिख विरोधी दंगे की एसआईटी से जांच कराने की मांग संबंधी तख्तियां लिये हुए थे. इस बीच अध्यक्ष मीरा कुमार ने सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने और प्रश्नकाल चलने देने का आग्रह किया और एक प्रश्न भी लिया. लेकिन सदस्य शांत नहीं हुए. शोरशराबा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी.
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक फिर से शुरु होते ही भाजपा, शिरोमणि अकाली दल और सपा के सदस्य आसन के समक्ष आकर नारेबाजी करने लगे.
भाजपा सदस्य कोयला ब्लाक आवंटन मामले पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए नारेबाजी कर रहे थे. अकाली दल के सदस्य 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए उच्चतम न्यायालय की निगरानी में एक विशेष जांच दल गठित करने तथा सपा के सदस्य लद्दाख क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर सरकार से जवाब की मांग करते हुए नारे लगा रहे थे. अध्यक्ष मीरा कुमार ने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और हंगामा शांत नहीं होते देख बैठक पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी.