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पूरे सत्र के कामकाज का ब्‍योरा देने के बाद लोकसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

नयी दिल्ली: लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की शीतकालीन सत्र की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.कथित जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही के एक बार स्थगित होने के बाद बारह बजे पुन: शुरु होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल […]

नयी दिल्ली: लोकसभा अध्‍यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की शीतकालीन सत्र की कार्यवाही आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.कथित जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही के एक बार स्थगित होने के बाद बारह बजे पुन: शुरु होने पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाये और इस सत्र में सदन में हुए कामकाज का ब्यौरा देने के बाद कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी.
एक बार के स्थगन के बाद सदन के दोबारा बैठने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद थे. सदन के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से पहले कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री सदन में मौजूद हैं इसलिए हम चाहते हैं कि वह कुछ कहें.
अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं देते हुए कहा ‘मैं किसी को कुछ कहने की अनुमति नहीं दे रही हूं. माननीय प्रधानमंत्री जी को भी नहीं.’ विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री द्वारा धर्मांतरण के मुद्दे पर बयान दिये जाने का बार-बार आग्रह किये जाने के बाद भी अध्यक्ष ने नहीं माना और कार्यवाही स्‍थगित कर दी गयी.
इसके बाद उन्होंने सोलहवीं लोकसभा के 24 नवम्बर से शुरु हुए इस तीसरे सत्र के कामकाज का ब्यौरा रखा. उन्होंने बताया कि इस सत्र में कुछ 22 बैठकें हुई और लगभग 129 घंटे सदन ने कामकाज किया.इस दौरान कई महत्वपूर्ण वित्तीय एवं विधायी कार्यों को सदन ने पूरा किया, जिनमें अनुदान की अनुपरक मांगों को स्वीकृति देकर संबंधित विनियोग विधेयक को पारित करना शामिल है.
अध्यक्ष ने कहा कि सदन ने इस सत्र में 18 विधेयक पारित किये जो हाल के वर्षों में अपने आप में एक रिकार्ड है और इसके लिए वह पूरे सदन को बधाई देती हैं. राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम की धुन के बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गयी.
इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने इस सत्र के अपने विदाई उल्लेख में बताया कि विभिन्न व्यवधानों और स्थगन के कारण सदन के लगभग तीन घंटे की हानि हुई. हालांकि सदन ने 17 घंटे से अधिक अतिरिक्त समय बैठक कर महत्वपूर्ण वित्तीय एवं अन्य कार्यों को निपटाया.
सदन ने आतंकवादियों द्वारा पाकिस्तान में निर्दोष स्कूली बच्चों का नरसंहार करने और एक पाकिस्तानी अदालत द्वारा मुंबई की 26-11 की आतंकवादी घटना के आरोपी को जमानत पर छोड़े जाने की निंदा किये जाने से संबंधित दो संकल्पों को सर्वसम्मति से पारित किया.
इस सत्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक, कपड़ा उपक्रम राष्ट्रीयकरण विधि संशोधन विधेयक, कोयला खान विशेष उपबंध विधेयक और मोटर यान संशोधन विधेयक सहित कई विधेयकों पर चर्चा करने के बाद मंजूरी दी.इस सत्र में 440 तारांकित प्रश्नों में से 103 के मंत्रियों ने मौखिक उत्तर दिये और 5058 अतारांकित प्रश्नों के लिखित उत्तर सभा पटल पर रखे गये.
करीब एक महीने तक चले इस शीतकालीन सत्र में प्लास्टिक के खतरे और मनरेगा के बारे में आधे घंटे की विशेष चर्चा हुई और संसद की विभिन्न स्थायी समितियों ने 62 रिपोर्ट सदन में पेश कीं.
इसके अलावा ध्यानाकर्षण के द्वारा चार महत्पूर्ण मामले उठाये गये. इनमें श्रीलंका की नौसेना द्वारा तमिल मछुआरों का अपहरण और उत्पीडन, देश में खाद्य पदाथो’ में मिलावट से उत्पन्न स्थित, जीवनरक्षक दवाओं की कीमतों में वृद्धि और नकली दवाओं का प्रचलन और उत्तर प्रदेश तथा देश के अन्य भागों इंसेफेलाइटिस के फैलने से उत्पन्न स्थिति शामिल हैं.

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