-सिख विरोधी दंगे-
नयी दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे के मामले में पीड़ितों के परिवार की अपील पर सीबीआई और कांग्रेस नेता सज्जन कुमार से आज जवाब मांगा. यह अपील सज्जन कुमार को दंगा मामले में बरी करने के अदालत के फैसले के खिलाफ दायर की गयी है.
न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी और न्यायमूर्ति जी पी मित्तल ने सीबीआई और सज्जन कुमार से 27 अगस्त तक जवाब मांगा है. पीड़ितों के परिवार ने अपील में कहा है कि निचली अदालत अपने फैसले में कानूनी तौर पर स्वीकार्य प्रमाण को समझने में नाकाम रही है. सज्जन कुमार को बरी करने के खिलाफ जगदीश कौर और निरप्रीत कौर ने अपील में निचली अदालत का 30 अप्रैल का फैसला निरस्त करने का अनुरोध किया है.
वर्ष 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों में जगदीश कौर और निरप्रीत कौर के परिजन भी मारे गए थे. अधिवक्ता कामना वोहरा के माध्यम से दाखिल अपील में दोनों ने तर्क दिया है कि निचली अदालत का फैसला ‘खामीयुक्त’ है क्योंकि वह यह समझने में नाकाम रही है कि दिल्ली छावनी के राजनगर इलाके में पांच सिखों की हत्या में कथित भूमिका को दर्शाने के लिए सज्जन कुमार के खिलाफ कानूनी तौर पर स्वीकार्य सबूत है.