पणजी : गोवा में आरटीआई कार्यकर्ताओं को एक तरह से चेतावनी देते हुए मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर ने कहा है कि सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना हासिल करने के लिए अपनी क्षमता से अधिक धन खर्च करने वालों के नाम आयकर विभाग को भेजे जाएंगे.
मुख्यमंत्री ने लघु उद्यमियों की बैठक में कहा, ‘‘यदि कोई व्यक्ति आरटीआई के तहत विभिन्न विभागों से संबंधित सूचनाएं हासिल करने के लिए लाखों रुपये खर्च करता है और इतना खर्च करने की उसकी क्षमता नहीं हो, तो मामले को आयकर विभाग को भेजना मेरी जिम्मेदारी है.’’ मुख्यमंत्री ने हाल में सभी सरकारी विभागों को सकरुलर जारी कर उन लोगों के नाम पूछे थे जो आरटीआई के तहत सूचना मांगते हैं.
इस पर आरटीआई कार्यकर्ताओं ने कहा था कि सकरुलर सूचना को छिपाने के लिए जारी किया गया है.
मुख्यमंत्री ने शुरु में दावा किया था कि उन्होंने ऐसा यह जानने के लिए किया कि क्या इस कानून के तहत विदेशियों को सूचना दी गई है.
उन्होंने कहा, ‘‘आरटीआई अच्छा कानून है, लेकिन सवाल उन लोगों पर है जो इसके तहत सूचना मांगते हैं.’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘बहुत से लोग अपने विचारों में नकारात्मक हैं जो अपने मन में कोई योजना रखते हैं.’’ पार्रिकर ने यह भी स्पष्ट किया कि वह यह नहीं कहते कि सभी आरटीआई आवेदक दुर्भावना से प्रेरित हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘कानून के तहत सूचना मांगने वाले बहुत से सही लोग भी हैं.’’