बेंगलूर : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कथित धोखाधड़ी के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और केजेपी के अध्यक्ष बी. एस. येदियुरप्पा को आज अग्रिम जमानत दे दी. न्यायमूर्ति आनंद बायरारेड्डी ने येदियुरप्पा को राहत देते हुए कहा कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री स्तर के व्यक्ति को एक दिन के लिए भी न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है तो यह उनके कॅरियर एवं छवि के लिए नुकसानदायक होगा. बायरारेड्डी ने कहा कि चूंकि येदियुरप्पा एक अन्य मामले में एक महीने की न्यायिक हिरासत में रहे इसलिए इस मामले में यह नहीं दोहराया जाना चाहिए.
लोकायुक्त की अदालत ने दस सितम्बर 2011 को येदियुरप्पा और तत्कालीन उद्योग मंत्री मुरुगेश आर. निरानी को नोटिस जारी किए थे. देवनहल्ली में 26 एकड़ भूमि हड़पने के लिए एक उद्योगपति का फर्जी हस्ताक्षर करने के मामले में संलिप्त होने के लिए उनके खिलाफ नोटिस जारी किए गए थे. लोकायुक्त की अदालत में आलम पाशा की शिकायत जून 2010 में वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान 600 करोड़ रुपये की परियोजना के लिए 26 एकड़ जमीन का आवंटन अचानक रद्द किए जाने से संबंधित है. पाशा ने आरोप लगाए कि येदियुरप्पा और निरानी ने उनके फर्जी दस्तखत कर सरकार को पत्र लिखा था कि उनकी कम्पनी की परियोजना में कोई रुचि नहीं है जिसके बाद उच्चस्तरीय एक समिति ने इसे रद्द कर दिया.