पहले जनता ने की सफाई, अब मैं कर रहा हूं
बैंगलुरू : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफाई को विशेष महत्व देते हुए कहा कि देश में फैले राजनीतिक गंदगी को जनता ने साफ कर दिया है. अब मैं मंत्रालयों के बीच फैली गंदगी को साफ करने में लगा हूं. मोदी ने हर प्रकार की सफाई की बात करते हुए बेकार के कानूनों को समाप्त करने कर कानूनी सफाई की भी बात कही. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से इसने सारे कानून बना दिये गये है कि कानून का जंगल बन गया है. इस जंगल की सफाई के बाद ही नये कामों को गति मिलेगी. इन सब के बीच मोदी ने आम लोगों को वातावरण की सफाई का भी संदेश दिया और स्वयं 2 अक्टूबर को झाडू लेकर सफाई करने की बात कही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बैंगलुरू, कर्नाटका में एक कार्यक्रम में कहा कि जब हम नये घर में जाते हैं तब पहले सफाई करते हैं. उसी प्रकार मैं भी अभी सफाई का काम कर रहा हूं. मोदी ने चुटकीले अंदाज में कहा कि पहले जनता ने सफाई की अब मैं सफाई कर रहा हूं. जब लोग मुझसे पूछा करते हैं कि अभी मेरी सरकार क्या कर रही है. तब मैं कहता हूं कि सफाई. लोगों को आश्चर्य होता है कि मुझे यह काम करना पड़ रहा है.
नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार सफाई के प्रति इतनी गंभीर है कि 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर मंत्रालयों में सफाई अभियान चलायी जायेगी. यह अभियान 6 अक्टूबर चक चलेगी. बेकार की कानूनों के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले 40 सालों में देश में जितनी कानूनें बनीं है उनमें कई बेकार हैं. हमारी सरकार ने एक समिति बनाकर उन कानूनों को चिन्हित करने का काम शुरू कर दिया है. जल्द ही उन बेकार कानूनों को समाप्त कर कानूनी जंगल को साफ करने का प्रयास किया जायेगा. नरेंद्र मोदी ने कहा कि कई बेकार कानूनों के कारण जब भी सरकार कोई अच्छा काम करना चाहती है. उन कानूनों के आड़ में योजनाओं को रोकने का काम किया जाता है. उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें कानून बनाती थी, हमारी सरकार बेकार की कानूनों को समाप्त करेगी.
अब बैंक गरीबों के लिए होगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया था तो यही तर्क दिया गया था कि बैंक गरीबों के लिए काम करेंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. गरीबों को जब भी पैसे की आवश्यकता हुई वह अपने घरों का कीमती सामान यहांतक की पत्नी का मंगलसूत्र गिरवी रखकर साहूकारों से कर्ज लेता था. वह व्यक्ति जीवनभर कर्ज चुकाता रहता था लेकिन उसका कर्ज समाप्त नहीं होता था. बैंक केवल पैसे वालों की जागीर बन गयी थी. कोई किसान जब कर्ज लेता था तब उसके आत्महत्या करने की नौबत आ जाती थी.
जन-धन योजना में 4 करोड़ से अधिक खाते, 1500 करोड़ रूपये जमा
हमारी सरकार ने ‘प्रधानमंत्री जन-धन योजना’ के तहत हर गरीब को बैंक से जोड़ने का काम किया है. इस काम को योजनाबद्ध ढंग से तैयार करने में जिन बैककर्मियों ने सहयोग दिया है वे बधाई के पात्र हैं. उन्होंने कहा कि गरीबों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शून्य बैलेंस पर खाता खोलने की निर्देश दिया गया था, लेकिन देशवासियों ने अपनी जिम्मेवारी समझी और अधिकतर लोगों ने अपने खातों में पैसे जमा कराये. इसके परिणाम स्परूप अभीतक जन-धन योजना के तहत खुल 4 करोड़ से ज्यादा खातों में लोगों ने 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे जमा किये. इस योजना के तहत सभी गरीब परिवारों को खात खुलने के साथ ही 1 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा. किसान देश का भंडार भरता है लेकिन उसके जेब हमेशा खाली रहते हैं. अब किसानों की जेबे भी भरी जायेगी.
स्कील इंडिया का सपना होगा साकार
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में युवाओं को वि शेष महत्व देते हुए कहा कि हमारा देश युवा है और हमारे देश के युवा ही देश को तरक्की रास्ते पर आगे ले जायेंगे. उन्होंने कहा कि केवल डिग्रियां हासिल करने से कुछ नहीं होगा. हुनर होनी चाहिए. युवाओं को हुनरमंद बनाने की दिशा में सरकार ठोस कदम उठा रही है. अब देश को कोई भी युवा हाथों में डिग्रियां लेकर नौकरी का इंतजार करता नहीं दिखेगा.
सवा सौ करोड़ जनता को सफाई का लेना होगा संकल्प
प्रधानमंत्री ने पर्यावरण की सफाई पर विशेष जोर देते हुए कहा कि जिस दिन सवा सौ करोड़ जनता सफाई का संकल्प ले लेगी. तब हमारे देश को साफ और स्वच्छ बनने से कोई नहीं रोक सकता. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने देश को गुलामी से मुक्ति दिलायी थी मैं देश को गंदगी से मुक्ति दिलाउंगा. उन्होंने कहा कि मैं हर भारतीय से देश के लिए हर सप्ताह दो घंटे का समय मांगता हूं. इन दो घंटों में हम सफाई का संदेश जन-जन तक पहुंचाने का काम करेंगे. जिस प्रकार हमारे घरों में मेहमान आते हैं तो हम सफाई करते हैं. उसी प्रकार हमारे देश में मेहमान के रूप में समृद्धि आने वाली है, उसके लिए हमें सफाई करने की आवश्यकता है.