इंदौर : शहर की युवा वैज्ञानिक शिक्षा मंत्री ने बॉयोकेमिस्ट्री के क्षेत्र में दुनिया के लिए वरदान साबित होनेवाली खोज की है. शिक्षा ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने के दौरान एक ऐसा प्रोटीन खोज निकाला है, जिसका उपयोग सिंथेटिक टिशू (ऊतक) बनाने में किया जा सकता है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंदौर लौटी शिक्षा ने बताया कि मानव अंगों में यदि कोई खराबी आती है, तो उन खराब टिशूज को निकाल कर उनके स्थान पर सिंथेटिक टिशू लगाया जा सकता है. इससे पूरा अंग खराब होने से बच जाता है. शिक्षा ने कहा, बायोलॉजी में मानव शरीर के बाहर टिशू बनाना एक बड़ी उपलब्धि है. अपने साथियों के साथ यह उपलब्धि हासिल करके मैं बहुत खुश हूं.
क्या होगा फायदा?
कई ऐसी बीमारियां हैं, जो जेनेटिक होती हैं. इस डीएनए के जरिये ये बीमारियां एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मिलती है, अगर हम डीएनए को रिपेयर कर सकें तो इन बीमारियों को रोका जा सकता है. इसमें सबसे बड़ी समस्या उस डीएनए को खोजने की होती है, जिसमें खराबी हो.
इसे डीएनए सिक्वेंसिंग के जरिये खोजा जाता है. यह इतना महंगा होता है कि बहुत कम लोग इसका खर्च उठा सकते हैं. यदि डीएनए सिक्वेंसिंग सस्ती हो जाये, तो जेनेटिक बीमारियों का इलाज बहुत सस्ता और आसान हो जायेगा. इस रिसर्च के लिए शिक्षा को स्विटजरलैंड की ई.टी.एच यूनिवर्सिटी ने जॉब ऑफर किया है.
शुरू से रहीं हैं होनहार
शिक्षा का जन्म कोलकाता में हुआ था. इसके बाद परिवार के साथ इंदौर आ गयी, जहां विद्यासागर स्कूल में उन्होंने दाखिला लिया. स्कूल ने शिक्षा की काबिलियत देखते हुए एक महीने में ही शिक्षा को दूसरी कक्षा से तीसरी भेज दिया. शिक्षा ने 2009 में आइआइटी मुबंई से केमिस्ट्री में सिल्वर मेडल हासिल किया था.
इसके बाद यूके स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पीएचडी के लिए चली गयी. शिक्षा ऑक्सफोर्ड के उन वैश्विक 100 स्कॉलर में शामिल की गयी, जिन्हें यूनिवर्सिटी 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप देती है. शिक्षा के परफॉर्मेस को देखते हुए डीएनए सीक्वेंसिंग पर रिसर्च कर रही इटीएच यूनिवर्सिटी ने उन्हें जॉब ऑफर किया है.