मुंबई : कांग्रेस विधायक असलम शेख को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने के एक दिन बाद, 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम विस्फोट के दोषी याकूब मेमन के लिए दया का अनुरोध करने वाला उनका एक पुराना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
शेख ने इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि चूंकि भगवा दल राज्य की सत्ता पर अपना कब्जा बरकरार नहीं रख सका, इसलिए वह विभिन्न मुद्दों पर लोगों को गुमराह कर रहा है. शेख महाराष्ट्र के उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने मेमन के लिए 2015 में दया का अनुरोध किया था. उस वक्त भाजपा नीत गठबंधन का हिस्सा रही शिवसेना ने मेमन की मौत की सजा का स्वागत किया था. उद्धव ठाकरे नीत पार्टी ने पिछले महीने राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन करके राज्य में सरकार बनायी है. शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से अपना गठबंधन खत्म कर दिया और अपनी पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से हाथ मिला लिया.
पुराना पत्र वायरल होने के बाद, शेख ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, जिस दिन से भाजपा सत्ता से बाहर हुई है, तब से वह विभिन्न मुद्दों पर लोगों को गुमराह कर रही है. मंत्री ने कहा, जिन्होंने नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाया, वे मेरे खिलाफ (आतंकवाद पर नरम रुख रखने का) आरोप लगा रहे हैं. ये वही लोग हैं, जिन्होंने महात्मा गांधी की हत्या की. वे जो करने की कोशिश कर रहे हैं, वो ब्रिटिश तक नहीं कर सके. शेख मुंबई की मलाड सीट से विधायक हैं. जुलाई 2015 में शेख ने तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पत्र लिखकर मेमन के लिए दया का अनुरोध किया था. बहरहाल, मेमन की दया याचिका को खारिज कर दिया गया था और मेमन को 30 जुलाई 2015 को नागपुर की एक जेल में फांसी दे दी गयी थी.