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अभी कम नहीं होंगे प्याज के दाम, आयात में आयी कमी

नई दिल्ली : देश में प्याज का मूल्य फरवरी तक यथावत बने रहने की संभावना है. इसका मुख्य वजह प्याज के आयात में कमी आना है. तुर्की और श्रीलंका ने प्याज के निर्यात को कम कर दिया है. भारत के प्याज की मांग की वजह से वैश्विक स्तर पर भी प्याज के दाम बढ़ गये […]

नई दिल्ली : देश में प्याज का मूल्य फरवरी तक यथावत बने रहने की संभावना है. इसका मुख्य वजह प्याज के आयात में कमी आना है. तुर्की और श्रीलंका ने प्याज के निर्यात को कम कर दिया है. भारत के प्याज की मांग की वजह से वैश्विक स्तर पर भी प्याज के दाम बढ़ गये हैं. अभी केवल अफगानिस्तान और मिस्र से प्याज का आयात हो रहा है.प्याज की नयी फसल के बड़ी मात्रा में स्थानीय खुदरा बाजार में पहुंचने के बाद ही कुछ राहत की उम्मीद की जा सकती है. व्यापारियों के अनुसार अभी भी देश में प्याज का औसत थोक मूल्य 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम है.

तुर्की ने रोका निर्यात, श्रीलंका ने लगायी बाधा : तीन दिन पहले तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए इसका निर्यात पूरी तरह से बंद कर दिया है. वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका ने नये नियमों का हवाला देते हुए प्याज पर व्यापारिक प्रतिबंध लागू कर दिया है. मुंबई के प्याज कारोबारी अजीत शाह ने बताया, ‘श्रीलंका से प्याज का आयात बंद हो गया है क्योंकि उसने एक दस्तावेज निर्गत करने की प्रक्रिया को कठिन बना दिया है, जबकि तुर्की ने तीन दिन पहले प्याज के निर्यात को बंद कर दिया है.’
प्याज के कारोबारियों ने बताया कि फिलहाल मिस्र और अफगानिस्तान से बड़ी मात्रा में प्याज आ रहा है. देश के विभिन्न मेट्रो शहरों में अच्छे प्याज की कीमत 100 से 150 रुपये प्रति किलोग्राम चल रही है.
  • देश में प्याज का औसत थोक मूल्य Rs 60-70 प्रति किलोग्राम
  • तुर्की और श्रीलंका ने निर्यात पर लगाया प्रतिबंध
  • अभी आधी मात्रा में ही मंडी पहुंच रही नयी फसल
प्याज की बड़ी मंडियों में खरीफ फसल के आने की प्रक्रिया धीमी है. पिछले साल के मुकाबले अभी आधी मात्रा में प्याज की नयी फसल मंडियों तक पहुंच रही है. पिछले दो-तीन दिनों में लासलगांव में प्रतिदिन मात्र 12-13 हजार क्विंटल ही प्याज पहुंच रहा है, जबकि पिछले साल 25-27 क्विंटल प्याज आता था.
सरकार ने उठाये हैं कदम
प्याज की बढ़ती कीमतों को देखकर भारत ने तुर्की और मिस्र से प्याज आयात करने का फैसला किया था. देश ने करीब 36,090 मीट्रिक टन प्याज के आयात का ऑर्डर दिया था. तुर्की को करीब 15 हजार मीट्रिक टन प्याज का ऑर्डर दिया गया था, जबकि मिस्र से 6,090 मीट्रिक टन और डेढ़ से दो हजार मीट्रिक टन प्याज अफगानिस्तान से आ रहा है.
बारिश ने बढ़ायी मुश्किलें
पिछले साल सूखा और मानसून में देरी की वजह से महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्याज उपजाने वाले इलाके प्रभावित हुए थे. पहले मानसून देरी से आया फिर तेज बारिश ने प्याज की फसलों का नुकसान किया. इस साल ज्यादा बारिश ने प्याज की फसलों को नुकसान पहुंचाया. कम उत्पादन की वजह से प्याज की कीमतों में तेजी आयी.

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