नयी दिल्ली:लोकसभा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने कहा कि21 जुलाई को टीवी पर दिखाये गये स्टिंग जिसमें कुछ डायगनोस्टि सेंटर में टेस्ट कराने के एवज में कुछ डाक्टरों को चेक से भुगतान करने की बात कही गई थी, इस मामले परएक विशेष चिकित्सा महानिदेशक की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति बनाई गई है जो भविष्य में ऐसी गतिविधियों को रोकने समेत अन्य विषयों पर सुझाव देगी.
लोकसभा में राम चरित्र निषाद के प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात कही.मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस मामले की स्वास्थ्य सचिव से विस्तृत जांच करने को कहा था. इस संबंध में एक विशेष चिकित्सा महानिदेशक डा. अस्थानी के नेतृत्व में छह सदस्यी समिति बनाई गई है जिसमें एक वरिष्ठ रेडियोलाजिस्ट, एक वरिष्ठ पैथोलाजिस्ट, एक विशेषज्ञ शामिल हैं.
उन्होंने कहा, समिति ऐसी गतिविधियों को भविष्य में कैसे रोका जाए, इस बारे में पारदर्शिता कैसे स्थापित की जाए एवं अन्य विषयों पर सुझाव देगी. हर्षवर्धन ने कहा कि इस घटना के संबंध में 9 डायगनोस्टि सेंटरों को नोटिस दिया गया था और ये एमसीआई के समक्ष पेश हुए.
एमसीआई के सुझाव के अनुरुप जब तक जांच पूरी नहीं हो जाए तब तक सभी सरकारी पैनलों से इन केंद्रों को अलग कर दिया गया है और सभी तरह के सहयोग पर रोक लगा दी गई है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा, मैंने इस बारे में स्वत: संज्ञान लेते हुए बयान दिया था. इसके बाद भारतीय चिकित्सा परिषद एमसीआई की अध्यक्षा को पत्र लिखा.
मंत्री ने कहा कि दिल्ली के कुछ चिकित्सा जांच केंद्रों द्वारा अपने केंद्रों में कथित तौर पर जांच कराने के एवज में कुछ डाक्टरों को चेक से भुगतान करने की एक टीवी चैनल में स्टिंग आपरेशन को सरकार ने गंभीरता से लिया है.
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में कदचार से जुडी गतिविधियों के कुछ मामले सामने आए हैं लेकिन सामान्य तौर पर यह व्याप्त नहीं है.