नयी दिल्ली : नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला तेज करते हुए आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पद पर नृपेंद्र मिश्रा की नियुक्ति पर सवाल उठाए और कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में उच्चतम न्यायालय ने जब भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) को दोषी माना था उस वक्त मिश्रा ट्राई के अध्यक्ष थे.
मिश्रा की नियुक्ति को प्रश्न करने योग्य और अनैतिक करार देते हुए आप ने कहा कि वह ट्राई संशोधन विधेयक का विरोध करेगी. ट्राई संशोधन विधेयक के जरिए मिश्रा की नियुक्ति की बाधाएं दूर करने की कोशिश की जा रही है. आप ने एक बयान में कहा, यह चौंकाने वाली बात है कि नरेंद्र मोदी सरकार एक ऐसे विवादित व्यक्ति की नियुक्ति के लिए कानून में बदलाव करने पर तुली हुई है जिसने 2007 में उस वक्त दूरसंचार विनियामक की अध्यक्षता की जब देश के इतिहास के सबसे बडे घोटालों से एक हुआ. किसी और ने नहीं बल्कि उच्चतम न्यायालय ने 2 फरवरी 2012 को सुनाए गए अपने फैसले में ट्राई को भी इस घोटाले के लिए जिम्मेदार माना था.
आप ने बयान में कहा, मिश्रा 2006 से 2009 तक ट्राई के अध्यक्ष थे और तथ्यों को गौर से देखने पर पता चलता है कि ट्राई ने ही सिफारिश की थी कि 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी नहीं की जानी चाहिए और इसी सिफारिश की वजह से 2007 में सबसे बड़ा घोटाला हुआ.