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राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता: मोदी

सूरजकुंड (हरियाणा) : धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के लिए पहली बार चुन कर आए भाजपा के सांसदों को आगाह किया कि राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता है और विपक्ष से सत्ता तक पंहुचने का महत्वपूर्ण परिवर्तन केवल थोडी सी दूरी तय करने के लिए नहीं हुआ है. मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा […]

सूरजकुंड (हरियाणा) : धानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के लिए पहली बार चुन कर आए भाजपा के सांसदों को आगाह किया कि राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता है और विपक्ष से सत्ता तक पंहुचने का महत्वपूर्ण परिवर्तन केवल थोडी सी दूरी तय करने के लिए नहीं हुआ है.

मोदी ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए पहली बार चुन कर आए भाजपा सांसदों के लिए यहां आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कहा, संसद का सदस्य होना एक महत्वपूर्ण बात है और इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए. याद रखें कि लोग आपके प्रदर्शन पर सदन में ही नहीं, बाहर भी नजर रखे हुए हैं.

पार्टी विज्ञप्ति के अनुसार उन्होंने आगाह किया, विपक्ष से राजपक्ष तक पहुंचने का महत्वपूर्ण परिवर्तन केवल थोडी सी दूरी तय करने के लिए नहीं हुआ है. यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन है और हमें इसकी अर्थपूर्णता को समझने की कोशिश करनी चाहिए.

खुद पहली बार सांसद बने मोदी ने छोटे-छोटे मुद्दों से मोहभंग ना करने का आग्रह करते हुए नव-निर्वाचित सांसदों को याद दिलाया कि राजनीति में कोई पूर्ण विराम नहीं होता है. उन्होंने कहा कि वह स्वयं पहली बार संसद बने हैं, वह भी नए हैं और उन्हें भी अपने सीनियर्स से सीखना है.

संसद के दोनों सदनों के लिए पहली बार चुन कर आए पार्टी के 160 से अधिक सांसदों से प्रधानमंत्री ने सभी प्रकार की नकरात्मकता से परहेज करने की अपील करते हुए कहा कि वे स्वयं को औरों से भिन्न पेश करें। उन्होंने कहा, हम एक परिवार हैं और सभी एक लक्ष्य के लिए काम कर रहे हैं …एक दूसरे से सीख कर हमें एक नए सामूहिक दृष्टिकोण को विकसित करने का प्रयत्न करना चाहिए.

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स्वयं पहली बार सांसद बने मोदी द्वारा नए सांसदों को प्रशिक्षण देने का कुछ दलों द्वारा का मजाक बनाए जाने के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, राजनीतिक प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण की कमी बहुत गंभीर खामी है, लेकिन दुर्भाग्य से बहुत सी बाहरी राजनीतिक शक्तियों ने मानव संसाधन विकास के लिए बहुत ही हल्के-फुल्के प्रयास किए हैं. कभी कभी तो इस तरह के प्रयासों के उपहास की कोशिश की है.
मोदी ने नव-निर्वाचित सांसदों से कहा कि वे संसदीय प्रक्रियाओं संबंधी पुस्तक को भगवत गीता की तरह लें और उसकी मर्यादा की सीमाओं को नहीं लांघे. उन्होंने यह भी कहा कि वे सदन में पीठासीन सभापति की अनुमति के बिना कुछ नहीं करें.भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में पार्टी के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के प्रयासों के साथ ही पार्टी की संसदीय इकाई की सराहना करते हुए विश्वास जताया कि केवल ऐसे प्रयासों से ही दुनिया के सबसे बडे लोकतंत्र को बेहतरीन लोकतंत्र में बदला जा सकता है.
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडु ने इस अवसर पर अपनी परिचयात्मक टिप्पणी में नए सांसदों से कहा कि लोगों की उम्मीदों के भारी बोझ को समझ कर उसे पूरा करने पर ध्यान देना बहुत जरुरी है. इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हूडा और केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर सहित भाजपा के कई नेताओं ने सूरजकुंड के हेलीपैड पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया. इस कार्यशाला को सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, रामलाल, राम नाईक, प्रकाश जावडेकर और पीयूष गोयल भी संबोधित करेंगे. वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के संबोधन से कल शाम इस कार्यशाला का समापन होगा.

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