नयी दिल्ली : देश की सबसे तेज रफ्तार बिना इंजन वाली ‘ट्रेन18′ दिल्ली से वाराणसी के बीच चलेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखायेंगे. सूत्रों ने बताया कि देश की पहली बिना इंजन वाली ट्रेन शताब्दी ट्रेनों की जगह लेगी और यह दिल्ली एवं वाराणसी के बीच चलेगी.
परीक्षण के दौरान ‘ट्रेन 18′ की सफलता से प्रभावित रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में आईसीएफ से वर्तमान वित्तीय वर्ष में ऐसी चार और ट्रेनें बनाने को कहा है. यदि आपको याद हो तो 2 दिसंबर को ट्रेन 18 का ट्रायल रन कोटा-सवाई माधोपुर सेक्शन में किया गया था.
ये है खास बातें
1. ‘ट्रेन18′ का निर्माण आईसीएफ चेन्नई ने 100 करोड़ रूपये की लागत से किया है जो हाल में भारत की सबसे तेज ट्रेन बन गयी.
2. दिल्ली-राजधानी मार्ग के एक खंड पर प्रायोगिक परीक्षण के दौरान इसकी रफ्तार 180 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक रही.
3. इस ट्रेन में दो विशेष डिब्बे होंगे जिसमें 52-52 सीटें होंगी और शेष डिब्बों में 78-78 सीटें होंगी.
4. शुरुआती योजना के अनुसार, ‘ट्रेन18′ दिल्ली से सुबह 6 बजे चलेगी और वाराणसी 2 बजे पहुंच जाएगी. करीब 800 किमी की दूरी यह ट्रेन 8 घंटे में तय करेगी. जबकि ‘ट्रेन18′ दिल्ली के लिए दोपहर 2:30 बजे लौटेगी और यहां रात 10:30 बजे पहुंचेगी.
5. ट्रेन 18 में 360 डिग्री तक घूमने वाली सीटें हैं. इसमें एडवांस ब्रेकिंग सिस्टम है, जिससे ऊर्जा की खपत कम होगी. एयरोडायनैमिक डिजाइन वाले ड्राइवर केबिन ट्रेन के दोनों सिरों पर लगाए गए हैं, ताकि मंजिल तक पहुंचने के बाद ये तुरंत वापस लौट सकें.
6.ट्रेन में 16 कोच होंगे. इस ट्रेन में उतनी ही सीटें होंगी, जितनी शताब्दी एक्सप्रेस में होती थी पूरी तरह वातानुकूलति यह ट्रेन बेहतर यात्री सुविधाओं से लैस है. ट्रेन में जगह भी ज्यादा है.