सबरीमला/पंबा (केरल) : दो माह तक चलने वाले तीर्थयात्रा के लिए शुक्रवार शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच सबरीमला मंदिर को खोल दिया गया. सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत दिये जाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के कारण हाल में मंदिर विवादों में रहा है.
प्रधान पुजारी कंडारारू राजीवारू की मौजूदगी में जब शाम पांच बजे मंदिर के पट खोले गये तो बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं ने ‘स्वामी अयप्पा’ का जयघोष किया. इस मौके पर दो नये पुजारियों एमएल वासुदेवन नंबूदरी (अयप्पा मंदिर) और एमएन नारायणन नंबूदरी (मलिकापुरम) ने पदभार संभाला. 41 दिनों तक चलने वाला मंडलम उत्सव मंडला पूजा के बाद 27 दिसंबर को संपन्न होगा जब मंदिर को ‘अथाझापूजा’ के बाद शाम को बंद कर दिया जायेगा. यह 30 दिसंबर को मकराविलक्कू उत्सव पर फिर से खुलेगा. मकराविलक्कू उत्सव 14 जनवरी को मनाया जायेगा जिसके बाद मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जायेगा. उच्चतम न्यायालय के सभी आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की इजाजत देने के फैसले के बाद तीसरी बार खुले मंदिर के आसपास सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किये गये थे.
इस बीच, सबरीमला मंदिर के प्रबंधन का काम देखने वाले त्रावणकोर देवस्वोम बोर्ड (टीडीबी) ने शुक्रवार को फैसला किया कि वह भगवान अयप्पा मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने के लिए और वक्त लेने की खातिर याचिका दायर करेगा. टीडीबी के अध्यक्ष ए पद्मकुमार ने पंबामें संवाददाताओं को बताया कि यह फैसला बोर्ड के सदस्यों और कानूनी विशेषज्ञों के साथ चर्चा के बाद लिया गया. मंदिर में शनिवार से दो महीनों तक चलने वाली वार्षिक तीर्थयात्रा शुरू हो रही है. उन्होंने कहा कि बोर्ड शनिवार या सोमवार को अदालत में जायेगा. बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि टीडीबी चाहता है कि श्रद्धालुओं को शांतिपूर्ण दर्शन हो.