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सात करोड़ बीपीएल होंगे गरीबी से मुक्तःसोनिया

नयी दिल्ली: संप्रग सरकार की ग्रामीण आजीविका योजना को मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूरे देश विशेष तौर पर मध्य एवं पूर्वी क्षेत्रों में आजीविका मिशन को तेजी से लागू करने को आज कहा. सोनिया गांधी ने ग्रामीण आजीविका योजना को लागू करने पर ऐसे समय जोर दिया है जब अगले […]

नयी दिल्ली: संप्रग सरकार की ग्रामीण आजीविका योजना को मिली प्रतिक्रिया से उत्साहित कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूरे देश विशेष तौर पर मध्य एवं पूर्वी क्षेत्रों में आजीविका मिशन को तेजी से लागू करने को आज कहा.

सोनिया गांधी ने ग्रामीण आजीविका योजना को लागू करने पर ऐसे समय जोर दिया है जब अगले वर्ष ही लोकसभा चुनाव और इस साल भाजपा शासित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर गरीबी उन्मूलन पर जोर देते हुए सोनिया ने कहा कि समाज के गरीब वर्गो और महिलाओं को सशक्त बनाना हमारी संप्रग सरकार का मुख्य आधार है. कांग्रेस अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों और उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय प्रदेशों को ऐसे उपयों को आगे बढाने में मदद के लिए विशेष पैकेज तैयार किये जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षो में सात करोड़ बीपीएल परिवारों को गरीबी से मुक्त कर दिया जायेगा जो आसान काम नहीं है.सोनिया ने कहा, ‘‘ आजीविका मिशन को अपना कर कई राज्यों ने यह साबित किया है कि महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक एवं सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है.’’ सोनिया ने कहा, ‘‘इस सफलता को देखते हुए अब ऐसा लगता है कि आजीविका मिशन को पूरे देश में तेजी से लागू किया जाना चाहिए विशेष तौर पर मध्य एवं पूर्वी भारत में.’’

गौरतलब है कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने जून 2011 में आजीविका मिशन पेश किया था. इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के गरीबों के लिए सतत रुप से आजीविका बढ़ाने और वित्तीय सेवाओं तक पहुंच बेहतर बनाने के लिए कुशल एवं प्रभावी संस्थागत मंच तैयार करना है.एनआरएलएम के तहत देश के छह लाख गांवों, 2.5 लाख पंचायतों, 6000 ब्लाकों एवं 600 जिलों में स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 7 करोड़ बीपीएल परिवारों को इसके दायरे में लाना और 8 से 10 वर्ष तक आजीविका जुटाने में उनका सहयोग करना है.

एनआरएलएम को संप्रग सरकार की महत्वपूर्ण योजना बताते हुए और इसकी प्रशंसा करते हुए सोनिया ने दावा किया कि दुनिया में कोई दूसरा देश नहीं है जहां महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ऐसी महत्वाकांक्षी और बड़ी योजना चलायी जा रही है.उन्होंने कहा, ‘‘आज सभी ने यह साबित किया है कि यह कार्यक्रम महिलाओं को गरीबी के अभिशाप से मुक्त बना सकता है? इस तरह के अभिशाप से मुक्ति स्थायी और स्वपोषित रोजगार पर आधारित है, किसी की दया या करुणा पर नहीं.’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘हमारा उद्देश्य स्पष्ट है. हमें महिला स्वयं-सहायता समूहों और उनके कारकों को वित्तीय रुप से मजबूत बनाना है.’’

समाज के गरीब वर्ग के लोगों और महिलाओं के सशक्तीकरण पर संप्रग सरकार के मुख्य जोर का उल्लेख करते हुए सोनिया ने कहा कि समाज में बदलाव लाने की सबसे अधिक क्षमता महिलाओं में होती है क्योंकि वे परिवार एवं समाज की ऐसी सदस्य होती हैं जिनके कंधों पर आने वाली पीढ़ियों की परवरिश की जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा, ‘‘ महिलाएं गरीबी एवं सामाजिक उत्पीड़न से सबसे अधिक प्रभावित होती हैं विशेष तौर पर अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों से जुड़ी.’’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए हमें अभी भी काफी कुछ करने की जरुरत है. हमें महिलाओं के कौशल को बढ़ाने और अधिक रिण प्रदान करने की जरुरत है ताकि उन्हें आजीविका के नये अवसर प्राप्त हो सके. हम जिस तरह की सामाजिक क्रांति लाना चाहते हैं, वह केवल महिलाओं के माध्यम से ही संभव है.’’ सोनिया ने कहा कि संप्रग सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जम्मू कश्मीर में महिलाओं के सामाजिक एवं वित्तीय सशक्तिकरण के उपाय शुरु किये हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘अगले पांच वर्षो में हम उम्मीद करते हैं कि इस कार्यक्रम के दायरे में राज्य के दो तिहाई परिवारों को लाया जा सकेगा. मुङो बताया गया है कि इसका परिणाम काफी सकारात्मक है और हमें जल्द ही कई तरह की सफलताएं दिखेंगी. इसी तरह से पूर्वोत्तर के राज्यों और उत्तराखंड एवं हिमाचल प्रदेश जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष पैकेज तैयार किया जा रहा है.’’

समारोह के दौरान सोनिया गांधी ने जम्मू कश्मीर के स्वयं सहायता समूह की एक सदस्य से भी बात की और मंच से उनसे पूछा कि हिमायत योजना से उन्हें वित्तीय रुप से सशक्त बनने में किस तरह से मदद मिली. कांग्रेस अध्यक्ष ने पिछले महीने महिला स्वयं सहायता समूहों पर लिये गए कैबिनेट के निर्णय का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, ‘‘ संप्रग सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय किया है जिसके तहत महिला स्वयं सहायता समूह 7 प्रतिशत सालाना ब्याज पर 3 लाख रुपये का रिण ले सकते हैं. ऐसे स्वयं सहायता समूह जो समय पर रिण का भुगतान करेंगे, उन्हें ब्याज पर 3 प्रतिशत अतिरिक्त छूट दी जायेगी.’’ सोनिया ने 1000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी के साथ राष्ट्रीय महिला बैंक स्थापित करने के सरकार के निर्णय की भी घोषणा की.
कांग्रेस अध्यक्ष ने हालांकि कहा कि महिलाओं के वित्तीय सशक्तिकरण के लिए अभी और पहल किये जाने की जरुरत है.

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