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मुझे मेरे शैक्षणिक योग्यता से नहीं काम से परखें : स्मृति

नयी दिल्ली : शैक्षिक योगयता को लेकर पैदा हुए विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि काम से उनका ध्यान हटाने के लिए विषय से इतर परिस्थितियां पैदा की गईं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उनके काम से परखा जाना चाहिए. स्मृति ने मानव संसाधन […]

नयी दिल्ली : शैक्षिक योगयता को लेकर पैदा हुए विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने आज कहा कि काम से उनका ध्यान हटाने के लिए विषय से इतर परिस्थितियां पैदा की गईं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उनके काम से परखा जाना चाहिए.

स्मृति ने मानव संसाधन विकास मंत्री के रुप में अपनी योग्यता पर कांग्रेस द्वारा सवाल उठाए जाने के दो दिन बाद प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस ने स्मृति के बारे में कहा था कि मानव संसाधन विकास मंत्री स्नातक भी नहीं हैं. टेलीविजन के छोटे पर्दे पर अभिनय की छाप छोड़ने के बाद राजनीति में आयीं 38 वर्षीय स्मृति ईरानी ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे सौंपे गए काम से मेरा ध्यान हटाने के लिए विषय से इतर हालात पैदा किए गए हैं.

मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि उन्हें उनके संगठन ने उनकी क्षमता को देखकर कार्यभार सौंपा है. स्मृति ने कहा, मैं विनम्रतापूर्वक आप सबसे आग्रह करुंगी कि मुझे मेरे काम से परखिये तथा जो बयान मैंने दिया है उसमें मैं और कुछ नहीं कहूंगी.

मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता पर मंगलवार को सवाल उठे थे, बुधवार को उसने तूल पकड़ लिया. खुलासा हुआ है कि स्मृति ने 2004 और 2014 के आम चुनावों में दाखिल हलफनामे में विरोधाभासी जानकारी दी. कांग्रेस ने इसी आधार पर स्मृति पर हमला और तेज किया, लेकिन दावं उस वक्त उल्टा पड़ गया, जब भाजपा ने सोनिया गांधी की शैक्षिक योग्यता पर सवाल खड़े कर दिये.

दरअसल, 2004 में दिल्ली की चांदनी चौक सीट से नामांकन के दौरान स्मृति ने शिक्षा के खाने में बीए 1996, दिल्ली विवि (दूरस्थ शिक्षा केंद्र) लिखा था. 2014 में अमेठी से दाखिल नामांकन में उन्होंने बीकॉम भाग-1, स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (पत्राचार), दिल्ली विवि -1994 लिखा है.

रविशंकर ने कहा,स्मृति पर कांग्रेस की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण

सबसे पहले नारीवादी कार्यकर्ता मधु किश्वर ने स्मृति की शिक्षा का मुद्दा उठाया. तब से विवाद बढ़ता ही गया. किश्वर ने कहा था केवल 12वीं तक पढ़ी स्मृति को मानव संसाधन विकास मंत्री बनाया गया है. वहीं, कांग्रेस ने कहा कि यह गलत सूचना है. यह अपराध है. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, हमें नहीं पता कि 2004 या 2014 में कौन सी जानकारी सही है? दोनों सच नहीं हो सकतीं. हमने मुद्दा नहीं उठाया है. हम इसे महत्वहीन नहीं बना रहे हैं.

सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता के संदर्भ में एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, वह मंत्री नहीं हैं. दूसरी ओर, स्मृति को जदयू नेता शरद यादव और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का समर्थन मिला. उन्होंने कांग्रेस पर मुद्दे को बेकार उछालने का आरोप लगाया. छोटे पर्दे से राजनीति में आयीं 38 वर्षीय स्मृति ने इस संबंध में अब तक मीडिया के सवालों का जवाब नहीं दिया.

* उमा ने सोनिया की योग्यता पूछी

इधर, केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा, मैं कांग्रेस से पूछना चाहती हूं कि सोनिया गांधी की शैक्षणिक योग्यता क्या है, क्योंकि उन्होंने तो यूपीए का नेतृत्व किया है. भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कांग्रेस को लोकसभा चुनावों में हार के बाद अहंकार छोड़ कर आत्ममंथन करना चाहिए.

ईरानी पर हमले के बाद लड़ी कांग्रेस

अजय माकन ने मंगलवार को स्मृति ईरानी की योग्यता पर चुटकी लेते हुए ट्वीट किया था, मोदी की क्या कैबिनेट है? एचआरडी मंत्री स्मृति ईरानी स्नातक तक नहीं हैं. चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उनका हलफनामा देखिए.ह्ण पूर्व मंत्री मनीष तिवारी ने माकन के बयान पर बुधवार को नसीहत दी, हम सरकार की आलोचना करते हैं, तो यह तथ्यों पर आधारित होना चाहिए, न कि सतही तौर पर. शिक्षा, बुद्धि और साक्षरता सब अलग-अलग चीजें हैं और इनमें फर्क है. कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने भी स्मृति ईरानी के मामले मामले पर कहा कि यह सरकार का विशेषाधिकार है, मैं क्या कह सकता हूं? उन्होंने (मोदी जी ने) मुरली मनोहर जोशी पर स्मृति ईरानी को तरजीह दी है.

* उम्मीदवार का नामांकन खारिज होने का प्रावधान

सुप्रीम कोर्ट ने 2012 में व्यवस्था दी थी कि हलफनामे में गलत जानकारी देने पर उम्मीदवार के निर्वाचन को खारिज करने का अधार हो सकती है.

कब, क्या जानकारी दी

2004 में शिक्षा बतायी थी बीए,1996

2014 में जानकारी दी बीकॉम पार्ट वन,1994

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