नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने क्लैट -2018 की पुन : परीक्षा का आदेश देने या देश के 19 प्रतिष्ठित नेशनल लॉ कालेजों में प्रवेश के लिये काउंंसिलिंग प्रक्रिया रोकने का आदेश देने से सोमवार को इंकार कर दिया. यह परीक्षा 13 मई को हुई थी.
इसमें तकनीकी खामियों का आरोप लगाते हुए शिकायतें की गयी थीं. जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस दीपक गुप्ता की अवकाश कालीन पीठ ने नेशनल यूनिवर्सिटी आॅफ एडवांसड लीगल स्टडीज द्वारा गठित शिकायत समाधान समिति को 15 जून तक इन शिकायतों पर गौर करने और परीक्षा के दौरान छात्रों ने जो समय गंवाया उसकी भरपाई हेतु सामान्यीकरण फार्मूला लागू करने का समय दिया.
समिति ने सुझाव दिया था कि तकनीकी खामियों की वजह से जिन छात्रों ने समय गंवाया है , उन्हें इस बात पर ध्यान देते हुए कि आॅनलाइन परीक्षा के दौरान उन्होंने कितने सही और कितने गलत जवाब दिये, क्षतिपूरक अंक दिये जा सकते हैं. देश के 19 नेशनल लॉ कालेजों में कानून की पढ़ाई के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये 258 केंद्रों पर आयोजित क्लैट 2018 की प्रवेश परीक्षा में 54450 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था.
कोर्ट ने कहा कि हम स्वीकार करते हैं परीक्षा के दौरान कुछ गड़बड़ी हुई. अब सवाल यह है कि इसकी क्षतिपूर्ति कैसे हो. इस मामले में औपचारिक आदेश 13 जून को दिया जायेगा.